विकास दुबे के भाई ने किया लखनऊ में सरेंडर, एनकाउंटर के डर से रात भर कोर्ट में छिपा बैठा था
By विनीत कुमार | Published: December 23, 2020 02:51 PM2020-12-23T14:51:23+5:302020-12-23T15:07:55+5:30
यूपी में बिकरू कांड को अंजाब देने वाले और अब मारे जा चुके विकास दुबे के भाई दीपक ने लखनऊ के एक कोर्ट में सरेंडर किया है। एनकाउंटर के डर से वह सोमवार रात से कोर्ट परिसर में छिपा बैठा था।
कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीपक दुबे ने आत्मसमर्पण कर दिया है। दीपक दुबे ने लखनऊ की एक अदालत में सरेंडर किया।
मिली जानकारी के अनुसार उसने मंगलवार शाम सबसे छिपते हुए चुपचाप सरेंडर किया। कोर्ट ने अब दीपक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यूपी पुलिस ने दीपक पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
दीपक ने जिस तरह चुपचाप सरेंडर किया, उसकी भनक पुलिस और मीडिया को भी नहीं लगी। बुधवार को ही उसके सरेंडर की बात सार्वजनिक हो सकी। दीपक बिकरू कांड के मामले में फरार था।
पिछले हफ्ते शुक्रवार को पुलिस ने उसकी करीब 1 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली थी। दीपक के खिलाफ लखनऊ के कृष्षा नगर पुलिस स्टेशन में जालसाजी और उगाही का मामला दर्ज था। पुलिस 3 जुलाई को हुए बिकरू कांड के बाद से ही दीपक की तलाशी में जुटी थी।
दीपक हालांकि, पुलिस से अब तक बचते रहने में कामयाब रहा था। सूत्रों के अनुसार दीपक को एनकाउंटर में मारे जाने का डर था। इस वजह से वह कोर्ट के परिसर में सोमवार रात से छिपा हुआ था और मंगलवार शाम उस समय उसने सरेंडर किया जब बहुत कम पुलिस वहां मौजूद थी।
बता दें कि विकास दुबे पहले ही एनकाउंटर में मारा जा चुका है। कुख्यात विकास दुबे और गिरोह के अन्य सदस्यों ने इसी साल तीन जुलाई को कानपुर जिले के बिकरू गांव में पहुंचे पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया था। इसमें 8 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी।
बाद में पुलिस के अनुसार विकास दुबे 10 जुलाई की सुबह उस समय मुठभेड़ में मारा गया था जब उसे मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ़्तारी के बाद पुलिस कानपुर ले आ रही थी और पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
पुलिस के अनुसार उस समय विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और इसी दौरान उसने पुलिस कर्मियों पर हमला भी किया। इसके बाद पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में विकास मारा गया।