वीडियो: 4 शहरों में ओला-उबर चालकों की हड़ताल, बात न मानने पर MNS नेता ने तोड़ दिया कैब का शीशा
By स्वाति सिंह | Published: March 19, 2018 12:34 PM2018-03-19T12:34:53+5:302018-03-19T12:44:40+5:30
दूसरी तरफ मुंबई टैक्सीमेन यूनियन ने माँग की है कि ओला-उबर पर भी टैक्सी परमिट के नियम लागू होने चाहिए।
नई दिल्ली, 19 मार्च: ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस ओला और ऊबर ने सोमवार को कमाई घटने की वजह हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु में किया गया है। कैब नहीं मिलने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतुक सेना के नेता संजय नाइक ने बताया कि ओला और उबर ड्राइवरों ने 5-7 लाख रुपये का निवेश किया था। उन्हें उम्मीद थी कि वह हर महीने करीब 1.5 लाख रुपए कमाएंगे। लेकिन अब ड्राइवर लक्ष्य अमाउंट का आधा भी नहीं कमा पा रहे।
वहीं बंद को लागू कराने के लिए एमएनएस के एक नेता नितिन नंदगांवकर सड़क पर दादागिरी करते नजर आए। एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में एमएनएस के बताए जा रहे एक स्थानीय नेता ने एक कैब का शीशा तोड़ दिया और चालक को कहा कि वो बंद में गाड़ी न चलाए। संजय नाइक ने कहा कि मुंबई टैक्सीमैन यूनियन हड़ताल में ओला, उबर के ड्राइवरों के साथ है। संजय ने कहा 'हमारी मांग यह है कि ओला और ऊबर टैक्सी भी पीली-काली टैक्सी के नियमों पर ही चलाई जाएं। वह गैरकानूनी व्यवसाय कर रहे हैं।' बता दें कि ओला, उबर के हड़ताल पर जाने से आम लोगों को ऑफिस, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और अन्य जरूरी कामों के लिए आना-जाना मुश्किल हो गया है।
#WATCH Mumbai taxi drivers strike: Maharashtra Navnirman Sena (MNS) leader Nitin Nandgaonkar breaks windshield of a taxi which was plying in the city pic.twitter.com/ZERyZXU68h
— ANI (@ANI) March 19, 2018
मुंबई टैक्सीमेन यूनियन के महासचिव अल क्वाडोस ने इस मामले में कहा, "परिवहन विभाग को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि यह टैक्सी भर्ती कंपनियां परमिट की शर्तों का उल्लंघन करती हैं। उन्होंने कहा 'टैक्सी-रिक्शा कारोबार पर अतिक्रमण भी कर रही हैं। यह अच्छा है कि वह (ड्राइवर) हड़ताल कर रहे हैं।"
वही दूसरी तरफ इस मामले में पुलिस का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 149 के तहत महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतूक सेना के नेता अरिफ शेख, नितिन नंदगांवकर और संजय नायक को नोटिस जारी किया जा चुका है। गौरतलब है कि सिर्फ मुंबई में ही 45 हजार से ज्यादा कैब चलती हैं।