CM नीतीश का बड़ा ऐलान, वेटनरी डॉक्टरों को अब मेडिकल के डॉक्टरों के की तरह वेतन और अन्य मिलेंगी सुविधाएं
By एस पी सिन्हा | Published: January 28, 2019 07:42 PM2019-01-28T19:42:21+5:302019-01-28T19:42:48+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. वहीं पर उन्होंने इसकी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल आदमी का इलाज करनेवाले को ही सुविधाएं मिलेंगी, ऐसा नहीं है. हमारे लिए पशुधन भी महत्वपूर्ण है. इसके लिए हमने फैसला ले लिया है.
बिहार में वेटनरी डॉक्टरों के लिए बडी सौगात देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह ऐलान किया है कि अब उन्हें भी मेडिकल के डॉक्टरों के जैसे वेतन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन दिनों में इसकी विधिवत घोषणा कर दी जाएगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. वहीं पर उन्होंने इसकी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल आदमी का इलाज करनेवाले को ही सुविधाएं मिलेंगी, ऐसा नहीं है. हमारे लिए पशुधन भी महत्वपूर्ण है. इसके लिए हमने फैसला ले लिया है.
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अब वेटनरी के डॉक्टरों को भी वेतन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी. मुख्यमंत्री के इस ऐलान पर पूरा ज्ञान भवन तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा. उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की तर्ज पर पशु विज्ञान केंद्र खोले जायेंगे. इसके लिए राज्य सरकार पैसे की कमी नहीं होने देगी.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया. बताया जाता है कि संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों के वेतन में करीब 15 हजार रुपये से ज्यादा की बढोतरी हो जायेगी. उन्होंने जीविका के जरिये पशुपालन, बकरी और मुर्गी पालन को बढावा दिये जाने की भी बात कही. साथ ही कहा कि राज्य के विकास में कृषि के साथ- साथ पशुपालन का भी योगदान है. उन्होंने कहा कृषि रोड मैप में शामिल विभागों को भी मास्टर प्लान बनाकर काम करने की सलाह दी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जिसका लगातार विस्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वेटनरी की पढाई करनेवाले सभी छात्रों को छात्रवृति दी जा रही है. ये इसलिये किया गया है, ताकि वेटनरी की ओर छात्रों का झुकाव बढ़े.
उन्होंने कहा कि यह देखने में आया था कि जिन छात्रों का अन्य जगहों पर एडमिशन नहीं होता था, वे वेटनरी में पढने लगते थे. वहीं, अगर अगले साल कहीं और एडमिशन मिल गया तो बीच में ही पढाई छोडकर चले जाते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिम साल तक छात्रों की संख्या काफी कम रह जाती थी. अब हमारी सरकार ने ऐसा प्रावधान किया है कि जो छात्र वेटनरी की पढाई करेंगे उन्हें अपने घर से पैसे लगाने की जरुरत नहीं होगी.