वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में सेवादार और दर्शनार्थी के बीच जमकर हुई मारपीट, वीडियो हुआ वायरल
By आजाद खान | Published: July 24, 2022 01:24 PM2022-07-24T13:24:06+5:302022-07-24T13:48:19+5:30
इस घटना को लेकर मंदिर के सेवादार ने पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है। वहीं दर्शनार्थी ने घटना को लेकर अपनी शिकायत पुलिस से की है।
लखनऊ: काशी विश्वनाथ मंदिर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सेवादार और दर्शनार्थी को आपस में मारपीट करते हुए देखा जा रहा है। यह घटना शनिवार शाम की बताई जा रही है जब वहां पर सप्तर्षि आरती का समय हो रहा था। वीडियो में यह देखा जा रहा है कि कैसे सेवादार और दर्शनार्थी हाथाबाई कर रहे है और इससे वहां के लोगों को परेशानी भी हो रही है।
बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद सेवादार ने मौके पर मौजूद पुलिस वाले पर ही आरोप लगाया है कि उसने कोई मदद नहीं की है और इसकी शिकायत मुख्य कार्यपालक अधिकारी से की है। वहीं इस मामले में दर्शनार्थी ने भी संबंधित थाने में इसकी शिकायत की है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, शनिवार की शाम जब मंदिर के गर्भगृह में सप्तर्षि आरती का समय हो रहा था, इस दौरान दो दर्शनार्थी गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन करना चाहते थे। लेकिन जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वे उनसे ही उलझ गए। बताया जा रहा है कि शुरुआत में कहा-सुनी हुई थी लेकिन बाद में यह कहा-सुनी धक्का-मुक्की में बदल गई थी।
वीडियो में यह देखा जा रहा है कि सेवादार और दर्शनार्थी मंदिर के अन्दर मारपीट कर रहे है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यह भी देखा गया है कि मारपीट के बाद दर्शनार्थियों को बहुत ही मुश्किल से गर्भगृह से बाहर निकाला गया था।
दोनों पक्षों ने दर्ज कराई शिकायत
बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने शिकायत दर्ज कराई है। एक तरफ सेवादार ने इसकी शिकायत मंदिर के सीईओ सुनील वर्मा से की है, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं ने संबंधित थाने में चार सेवादारों के खिलाफ इसकी शिकायत की है।
यही नहीं सेवादार ने मंदिर के सीईओ को पत्र लिखकर शिकायत करते हुए पुलिस वाले पर यह भी आरोप लगाया है कि अधिकारी द्वारा कोई सहयोग नहीं मिला था। तपन, शिवानंद पांडेय, राजू, तम्मी और पीआरओ अखिलेश के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
इससे पहले एक और मामला सामने आया था जिसमें दर्शन पूजन कराने को लेकर पुलिस और मंदिर के कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया था। इस घटना के बाद मंदिर के कर्मचारियों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था और मंदिर के चौक पर धरना भी किया था।