एलोपैथी पर टिप्पणी कर चौतरफा फंसे बाबा रामदेव, आईएमए उत्तराखंड ने 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा
By दीप्ती कुमारी | Published: May 26, 2021 12:34 PM2021-05-26T12:34:09+5:302021-05-26T12:34:50+5:30
एलोपैथी पर टिप्पणी करने के मामले में बाबा रामदेव को अब आईएमए उत्तराखंड ने 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। आईएमए ने रामदेव को अगले 15 दिन में लिखित तौर पर माफी मांगने को कहा है।
देहरादून: बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी और डॉक्टरों पर की गई टिप्पणी के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), उत्तराखंड ने उन्हें 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया गया है कि अगर वे अपने बयान का खंडन करते हुए एक वीडियो जारी नहीं करते हैं और साथ ही अगले 15 दिनो में लिखित माफी नहीं मागते हैं तो उनसे एक हजार करोड़ रुपयों की मांग की जाएगी।
आईएमए की राज्य इकाई के अध्यक्ष अजय खन्ना ने बताया कि इस संबंध में सोमवार शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मुख्य सचिव ओम प्रकाश को भी पत्र भेजा गया।
डॉ खन्ना ने एनआई को बताया कि पत्र में लिखा है कि 'बाबा रामदेव के बयान के खिलाफ आईएमए के डॉक्टरों में काफी नाराजगी है । स्वास्थ्य मंत्री ने भी रामदेव को नोटिस भेजा था जिसमें कहा गया कि उनके बयान को गलत माना जाता है ।'
IMA Uttarakhand sends a defamation notice of Rs 1000 cr to Yog Guru Ramdev. The notice states that if he doesn't post a video countering the statements given by him and tender a written apology within the next 15 days, then a sum of Rs 1000 crores will be demanded from him. pic.twitter.com/c7RlLInXi3
— ANI (@ANI) May 26, 2021
हालांकि रविवार को रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए एलोपैथिक चिकित्सा पर अपने बयान को वापस लेते हुए माफी मांगी थी ।
उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए कहा था कि 'हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान औऱ एलोपैथी का विरोध नहीं करते है । हम मानते हैं एलोपैथी ने सर्जरी और जीवन रक्षक प्रणाली में बहुत प्रगति दिखाई है और मानवता की सेवा की है । साथ ही उन्होंने कहा कि मैं चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेद प्रकट करते हुए अपना वक्तव्य वापस लेता हूं।'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार को योग गुरु बाबा रामदेव को एलोपैथी के खिलाफ उनके कथित बयान और वैज्ञानिक चिकित्सा को अपमानित करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था । हालांकि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने आईएमए के इन आरोपों से इनकार किया और कहा था कि बाबा रामदेव ने इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है और वैज्ञानिक चिकित्सा को बदनाम नहीं किया है।