Uttarakhand Election 2022: भाजपा-कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर मचा है घमासान, विद्रोही मैदान में उतरने को तैयार
By शीलेष शर्मा | Published: January 27, 2022 08:48 PM2022-01-27T20:48:51+5:302022-01-27T20:49:31+5:30
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के पीछे मंत्री पद की दावेदारी को प्रमुख कारण मना जा रहा है। हरीश रावत जो पहले रामनगर से चुनाव लड़ने वाले थे वे अब लाल कुआँ से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
नई दिल्ली: उत्तराखंड में सत्ता पाने की होड़ में लगी भाजपा और कांग्रेस के अंदर उम्मीदवारों को लेकर तांडव चल रहा है। जहाँ एक ओर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भाजपा ने शामिल किया तो उसके तुरंत बाद कांग्रेस ने टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी को शामिल कर लिया। टिकटों के बटवारे को लेकर असंतुष्टों की एक लम्बी कतार दोनों दलों में विद्रोह पर उतारू हो चुकी है।
रुद्रपुर से नाराज विधायक ने टिकट न मिल पाने के कारण इस्तीफा देकर निर्दलीय उमीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। जहाँ तक कांग्रेस का प्रश्न है, कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के पीछे मंत्री पद की दावेदारी को प्रमुख कारण मना जा रहा है। हरीश रावत जो पहले रामनगर से चुनाव लड़ने वाले थे वे अब लाल कुआँ से चुनाव मैदान में उतरेंगे क्योंकि रावत अपनी ही पार्टी के बाघी उमीदवार को मनाने कामयाब नहीं हो सके।
बाघी उम्मीदवारों के कारन पांच स्थानों पर कल देर रात कांग्रेस को अपने उमीदवार बदलने पड़े हैं। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने उत्तराखंड के नेताओं को साफ़ निर्देश दिए हैं कि आरोपों से घिरे नेताओं को तत्काल बाहर कर दिया जाए। किशोर उपाध्याय को 6 वर्षों के लिए पार्टी से बाहर करने का फैसला राहुल के इन्ही निर्देशों का नतीजा है, क्योंकि पार्टी नेतृत्व को यह जानकारी पहले ही मिल चुकी थी कि किशोर उपाध्याय भाजपा के संपर्क में हैं।
लैंड्स डाउन सहित गढ़वाल और कुमाऊँ में टिकट न पाने वाले नेता विद्रोही तेवर अपनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि 10 से अधिक सीटों पर कांग्रेस के विद्रोही नेता निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इन नेताओं का यह भी आरोप है कि बड़े नेताओं के परिवार के सदस्यों को उमीदवार बनाया जा रहा है जबकि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है।