कोविड-19 महामारी के कारण कांवड़ यात्रा रद्द, उत्तराखंड के सीएम धामी बोले-जान बचाना जरूरी
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 13, 2021 08:25 PM2021-07-13T20:25:41+5:302021-07-13T21:28:21+5:30
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा के सांस्कृतिक महत्व को स्वीकार किया, लेकिन दोहराया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता कोरोनो वायरस महामारी के बीच लोगों की जान बचाना है।
देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है। कोविड मामला बढ़ रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा के सांस्कृतिक महत्व को स्वीकार किया, लेकिन दोहराया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता कोरोनो वायरस महामारी के बीच लोगों की जान बचाना है।
धामी ने कहा, "कांवड़ सनातन संस्कृति का हिस्सा हैं, लेकिन जीवन बचाना सर्वोपरि है। सरकार का ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि कोविड न फैले।" यह अभी भी अनिश्चित है कि देश के दरवाजे पर दस्तक देने वाले कोरोना वायरस की तीसरी लहर के साथ इस साल कांवड़ यात्रा आयोजित की जाएगी या नहीं।
कांवड़ यात्रा के संबंध में हुई एक बैठक
उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कोविड के डेल्टा प्लस प्रकार और महामारी की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डा एसएस संधु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की यहां राज्य सचिवालय में कांवड़ यात्रा के संबंध में हुई एक बैठक के दौरान यह निर्णय किया गया।
बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस प्रकार के पाए जाने, कोविड की तीसरी लहर की आशंका और देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया और मनुष्य जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी कांवड़ यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।
महामारी के कारण कांवड़ यात्रा का संचालन नहीं किया जा रहा
मुख्यमंत्री ने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए उनसे इस संबंध में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु कहें ताकि वैश्विक महामारी को रोकने में सफलता मिल सके । यह लगातार दूसरा साल है जब महामारी के कारण कांवड़ यात्रा का संचालन नहीं किया जा रहा है।
भारतीय चिकित्सा संघ ने भी हाल में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश और देश के हित में यात्रा को अनुमति न देने को कहा था । श्रावण माह शुरू होने के साथ ही पखवाडे़ भर चलने वाली कांवड़ यात्रा हर साल अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और इस दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से लाखों की संख्या में शिवभक्त गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं । इस गंगा जल से वे अपने गांवों के शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।