उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने छोटे दुकानदारों को दी बड़ी राहत
By भाषा | Published: July 15, 2019 08:23 PM2019-07-15T20:23:51+5:302019-07-15T20:23:51+5:30
उत्तर प्रदेश राज्य मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति 2019-20 में कुछ नियमों के पालन में व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए नियमों में बदलाव के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के छोटे दुकानदारों को उनकी दुकान पर कर में बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने छोटे दुकानदारों को काफी राहत देते हुए संपत्ति वर्गीकरण में व्याप्त असमानता को दूर करने को मंजूरी दी है।
इसके तहत 120 वर्ग फीट की दुकानों मसलन चाय, ब्रेड और दूध का छोटा कारोबार करने वाले तथा दर्जियों आदि से आवासीय दर का डेढ़ गुना कर लिया जाएगा। अभी तक यह दर 5 गुनी थी। मंत्रिमंडल के इस फैसले से लाखों की संख्या में छोटे दुकानदारों को फायदा होगा।
राज्य मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति 2019-20 में कुछ नियमों के पालन में व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए नियमों में बदलाव के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी। शर्मा ने बताया कि पहले डिस्टलरी के पास तीन दिन तक होलसेल का इंडेंट नहीं देने पर 0.5 प्रतिशत ब्याज या इससे अधिक समय पर 5000 हजार प्रति दिन जुर्माना लगता था। यदि तय मानक की सप्लाई की जाए तो अब इसे शिथिल किया जाएगा।
त्रिमंडल के निर्णयों के अनुसार शराब में मिलावट करने पर लाइसेंस समाप्त किया जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही कर गलत कृत्य से हुई आय की वसूली की जाएगी। इसी तरह ओवर रेटिंग (तय मूल्य से ज्यादा दाम वसूलने) पर भारी जुर्माना और लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। शर्मा ने बताया कि अब रेस्टोरेंट 20, 30 लीटर और 50 लीटर बियर रख सकेंगे।
पहले केवल 50 लीटर का प्रावधान ही था। बड़े रेस्टोरेंट एवं होटल में 4 हजार रुपये से ऊपर की ब्रांड का मोनो कार्टेज रखने की छूट दी गयी है। पहले गारंटी के लिये केवल बचत पत्र लिया जाता था, अब ई पेमेंट और एफडीआर भी लिया जाएगा।
शर्मा ने बताया कि सरकार ने अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दाम लेने पर दुकानदार पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। एमआरपी से अधिक कीमत पर उत्पाद बेचने पर पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार, दूसरी बार 20 हजार, तीसरी बार 30 हजार के जुर्माने को बढ़ाकर 75 हजार और डेढ़ लाख कर दिया है। इसके बाद लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।