यूपी में राज्यसभा चुनाव में नाटकीय मोड़, BSP उम्मीदवार का समर्थन करेगी बीजेपी, बदले में रख दी ये शर्त
By हरीश गुप्ता | Published: October 30, 2020 07:42 AM2020-10-30T07:42:12+5:302020-10-30T07:42:12+5:30
यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। सपा की चाल के आगे एक समय हारी नजर आ रही बसपा के लिए बीजेपी ने अब मदद के हाथ बढ़ाए हैं।
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने एक नाटकीय घटनाक्रम में बसपा प्रमुख मायावती की ओर मदद का हाथ बढ़ाने का फैसला किया. भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार रामजी गौतम की जीत सुनिश्चित करने का निर्णय किया है.
दरअसल, भाजपा राज्यसभा चुनाव के तहत उत्तरप्रदेश में 9वीं सीट पर भी अपना प्रत्याशी खड़ा कर सकती थी, क्योंकि उसके पास 21 अतिरिक्त वोट थे और उसे 16 अन्य मतों की आवश्यकता थी. राज्य में जीत हासिल करने के लिए किसी भी राज्यसभा प्रत्याशी को 37 मतों की दरकार है.
राज्य में राजग के पास 317 विधायकों का समर्थन है और इसके चलते भाजपा ने 8 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. कांग्रेस एवं बसपा के कुछ विधायक तथा कई निर्दलीय विधायक भी भाजपा का समर्थन करने की तैयारी में थे. लेकिन, भाजपा ने अपना 9वां उम्मीदवार उतारने के बजाय समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मात देने के उद्देश्य से बसपा का साथ देने का फैसला किया.
हॉर्स-ट्रेडिंग का सहारा न लेते हुए भाजपा आलाकमान ने राज्यसभा में बसपा के नेता सतीशचंद्र मिश्रा के साथ इस बारे में समझौता फाइनल कर दिया. राज्यसभा चुनाव के लिए सपा द्वारा अपना दूसरा प्रत्याशी खड़ा करना भी हैरानी भरा कदम है, क्योंकि विधानसभा में पार्टी के पास सिर्फ 47 विधायक हैं.
विधान परिषद चुनाव में बसपा का मिलेगा साथ
भाजपा आलाकमान और बसपा के बीच आगामी विधान परिषद चुनाव के सिलसिले में सहमति बनी है. भाजपा ने इस शर्त पर बसपा को राज्यसभा सीट देने का फैसला किया है कि विधान परिषद के चुनाव में मायावती अपनी पार्टी के अतिरिक्त वोट भाजपा के पाले में डालेंगीं.
इससे पहले गुरुवार को बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी के सात बागी विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया. इनमें चौधरी असलम अली, हाकिम लाल बिंद, मोहम्मद मुज्तबा सिद्दीकी, असलम रैनी, सुषमा पटेल, हरगोविंद भार्गव और वंदना सिंह शामिल हैं.