लखनऊः उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण की मांग को लेकर अब कर्मचारी आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. बुधवार को लखनऊ में नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि उप्र में बिजली के निजीकरण को लेकर योगी सरकार द्वारा की जा रही एकतरफा कार्रवाई को लेकर अब राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
जिसके चलते 13 दिसंबर और 19 दिसंबर को निजीकरण के विरोध में देशभर में विरोध सभाएं करके यह बताया जाएगा कि योगी सरकार मनमाने तरीके से सरकारी बिजली कंपनी को निजी क्षेत्र को सौंपने जा रही हैं. इसके बाद 22 दिसंबर को लखनऊ में और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में निजीकरण के विरोध में विशाल बिजली पंचायत आयोजित की जाएंगी.
एनसीसीओईईई की बैठक में लिए गए अहम फैसले
उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ सिर्फ बिजली कर्मचारी ही विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने भी बिजली कंपनियों का निजीकरण को लेकर की जा रही कार्रवाई का विरोध किया है. उन्होंने मंगलवार को यह कहा था कि बिजली कंपनियों का निजीकरण करने के बाद भाजपा सरकार बिजली का बिल बढ़ाकर जनता का शोषण करेगी. फिर बढ़े बिल का हिस्सा बिजली कंपनियों से पिछले दरवाजे से लेकर भाजपाई इस भ्रष्ट कमाई का इस्तेमाल सरकार बनाने में करेंगे.
अब कुछ इसी तरह की बात बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध कर रहे बिजली कर्मचारी भी कह रहे हैं. बुधवार कि एनसीसीओईईई की बैठक में भी यही सब कहा गया. इसी के बात यह तय हुआ कि यदि उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण को लेकर योगी सरकार ने कोई भी एकतरफा कार्यवाही की तो उसी दिन बिना कोई नोटिस दिए हुए देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चंडीगढ़ की विद्युत व्यवस्था जिस दिन निजी कंपनी को हैंडओवर करने की कार्यवाही की जाएगी, उसी दिन इसी प्रकार की राष्ट्रव्यापी कार्यवाही की जाएगी. बैठक में यह सहमति होते ही ये ऐलान भी किया गया कि इसी 13 दिसंबर को देश भर में बिजली कर्मचारी निजीकरण विरोधी दिवस के रूप में मनाएंगे.
फिर 19 दिसंबर को काकोरी क्रांति के महानायक पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर ‘शहीदों के सपनों का भारत बचाओ - निजीकरण हटाओ’ दिवस मनाया जाएगा और पूरे देश में जनपद एवं परियोजना मुख्यालयों पर सभाएं की जायेंगी. इसके बाद लखनऊ में 22 दिसंबर को विशाल बिजली पंचायत पंचायत आयोजित होगी.
जिसमें बिजली कंपनियों के निजीकरण को रोकने का आग्रह योगी सरकार से किया जाएगा. इसके बाद चंडीगढ़ में 25 दिसंबर को इसी तरह की बिजली पंचायत आयोजित की जाएंगी. जिसमें बिजली कर्मियों के साथ बड़ी संख्या में किसान और आम उपभोक्ता सम्मिलित होंगे, जिन्हें बिजली के निजीकरण से उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को होने वाले भारी नुकसान से अवगत कराया जाएगा.