उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनावः आरक्षण के नए फार्मूले से 42 अनारक्षित सीटें घटीं, चंद्रशेखर आजाद ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सवाल खड़ा, देखें सीटों की संख्या
By राजेंद्र कुमार | Published: April 1, 2023 08:43 PM2023-04-01T20:43:02+5:302023-04-01T20:44:29+5:30
Uttar Pradesh Municipal Elections: भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद के अनुसार, 2011 की जनगणना के अनुसार यूपी में अनुसूचित जाति की नगरीय आबादी 22.27 % है, जबकि 21% आरक्षण प्राप्त है

नगर पंचायत की 114 सीटों के स्थान पर केवल 74 सीटें ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं.
लखनऊः उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों के लिए आरक्षण लिस्ट जारी हो गई है. इस लिस्ट से कई बड़े नेताओं को झटका लगा है. क्योंकि निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण के लिए लागू हुई नई-त्रिस्तरीय व्यवस्था से जहां आरक्षित वर्गों को फायदा हुआ है, वहीं अनारक्षित वर्ग को नुकसान हुआ है.
आरक्षण के नए फार्मूले से 42 अनारक्षित सीटें घटीं हैं. जिसके चलते भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि आबादी के अनुरूप जिस तरह आरक्षण मिलना चाहिए उस अनुसार नहीं दिया गया है. चंद्रशेखर ने ट्वीट किया है कि नगर निकाय चुनाव में दलितों की आरक्षण के साथ दिन दहाड़े डकैती की गई है.
भाजपा का सबका साथ सबका विकास छलावा है. चंद्रशेखर इस मामले को जनता के बीच उठाएंगे. चंद्रशेखर के अनुसार, 2011 की जनगणना के अनुसार यूपी में अनुसूचित जाति की नगरीय आबादी 22.27 % है, जबकि 21% आरक्षण प्राप्त है. इस हिसाब से नगर निगम की 4 सीटें आरक्षित होनी चाहिए लेकिन सिर्फ 2 की गई.
इसी तरह नगर पालिका की 42 सीटें आरक्षित होनी चाहिए लेकिन सिर्फ 27 की गई और नगर पंचायत की 114 सीटों के स्थान पर केवल 74 सीटें ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. इन आंकड़ों को सामने रखते हुए चंद्रशेखर कह रहे हैं कि बाबा साहब के संघर्षों से प्राप्त संविधान प्रदत्त व्यवस्था(आरक्षण) से हम एक इंच भी छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे.
चंद्रशेखर के इस विरोध का आधार यूपी के नगर विकास विभाग द्वारा 5 दिसंबर-2022 और 30 मार्च-2023 को जारी आरक्षण की अनंतिम सूची हैं. 5 दिसंबर-2022 की सूची में अनारक्षित वर्ग के हिस्से में 197 सीटें आई थीं और बीते गुरुवार (30 मार्च) को जारी अनंतिम अधिसूचना में इस वर्ग के हिस्से 155 सीटें आई हैं.
इस हिसाब से देखा जाए तो नई व्यवस्था में अनारक्षित वर्ग का नुकसान हुआ है और उसके कोटे में 42 सीटें कम आई. इस कारण से अब चंद्रशेखर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं और जनता के बीच इस मामले को उठाने की बात कर रहे है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर दलित समाज के युवा नेता हैं और उनका पश्चिम के कई जिलों में व्यापक आधार है.
वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के नजदीकी माने जा रहे हैं. उनके विरोध पर योगी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया तो नहीं व्यक्त की है, पर अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछड़ों को उनके अनुपात के हिसाब से उचित हिस्सेदारी देने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है और आयोग की सिफ़ारिशों की आधार पर ही नए सिरे से सीटों का आरक्षण किया गया है.
प्रदेश में होने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव के लिए तैयार की गई नई वोटर लिस्ट के जिलेवार आंकड़े आज कल में जारी जाएंगे. फिर आयोग इन जिलेवार आंकड़ों को संकलित कर राज्य के शहरी निकायों में कुल वोटरों की जानकारी अगले सप्ताह की शुरुआत में जारी करेगा. पिछले निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट में 3.32 करोड़ वोटर थे. इस बार इस वोटर लिस्ट में करीब 80 से 90 लाख के बीच वोटर बढ़ने की उम्मीद है.