Coronavirus Cases: यूपी में टूटे रिकॉर्ड, एक दिन में सबसे अधिक 57 की मौत, 3705 नए मामले
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 30, 2020 05:07 PM2020-07-30T17:07:27+5:302020-07-30T20:36:58+5:30
एक्टिव केसों में से 7,198 होम आइसोलेशन में हैं। 1,112 प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। 172 लोग L1 प्लस की सेमि पेड फैसिलिटी में और बाकि लोग L1, L2, L3 की जो राजकीय व्यवस्था है उसमें अपना इलाज करवा रहे हैं। कल प्रदेश में 88,966 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई जिसमें से 51,484 एंटीजन और बाकि RT-PCR और ट्रुनेट के टेस्ट थे।
लखनऊःउत्तर प्रदेश में आज सारे रिकॉर्ड टूट गए। प्रदेश में एक दिन में 57 लोगों की मौत हो गई। राज्य में नए मामलों की संख्या बढ़कर 3705 हो गए। यूपी के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 32,649 है। जो लोग पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं उनकी संख्या 46,803 है। अब तक कुल 1,587 लोगों की मौत हो चुकी है।
एक्टिव केसों में से 7,198 होम आइसोलेशन में हैं। 1,112 प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। 172 लोग L1 प्लस की सेमि पेड फैसिलिटी में और बाकि लोग L1, L2, L3 की जो राजकीय व्यवस्था है उसमें अपना इलाज करवा रहे हैं। कल प्रदेश में 88,966 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई जिसमें से 51,484 एंटीजन और बाकि RT-PCR और ट्रुनेट के टेस्ट थे।
यूपी के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि अब तक कुल 22,09,810 सैंपल्स की टेस्टिंग की जा चुकी है। जब टेस्टिंग शुरू की गई थी तब से 24 जून तक कुल 6 लाख सैंपल्स की टेस्टिंग हुई थी। वहीं 24 जून से 30 जुलाई के बीच 16 लाख सैंपल्स की जांच हुई है।
प्रदेश में मौत के 57 मामले किसी एक दिन में मृतकों का सबसे बड़ा आंकड़ा
उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 3,705 नए मामले सामने आए, जबकि 57 और मौतों के साथ इस संक्रमण से जान गंवाने वालों का आंकड़ा बृहस्पतिवार को 1,587 हो गया। प्रदेश में मौत के 57 मामले किसी एक दिन में मृतकों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। संक्रमण के 3,705 मामलों का आंकड़ा भी एक दिन में सर्वाधिक है।
अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,705 नए मामले सामने आए जबकि 57 लोगों की मौत हो गयी। प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 46, 803 लोग पूरी तरह होकर अस्पतालों से घर जा चुके हैं। संक्रमण के उपचाराधीन मामलों की संख्या 32, 649 है जबकि कोरोना संक्रमण की वजह से कुल 1,587 लोगों की जान गयी है।
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,765 नए मामले सामने आए और 57 लोगों की मौत हो गई। बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में जान गंवाने वालों में सात वाराणसी, छह कानपुर, पांच गोरखपुर, जबकि बरेली और रायबरेली में चार-चार रोगियों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक प्रदेश में कोविड-19 से सर्वाधिक 193 मौत कानपुर में हुई हैं। इससे पहले, अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 46, 803 लोग पूरी तरह होकर अस्पतालों से घर जा चुके हैं।
कोरोना संक्रमण की वजह से कुल 1,587 लोगों की जान गयी है
संक्रमण के उपचाराधीन मामलों की संख्या 32, 649 है जबकि कोरोना संक्रमण की वजह से कुल 1,587 लोगों की जान गयी है। उन्होंने बताया कि पृथक वार्डों में 32, 652 लोग हैं, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कालेजों में उपचार किया जा रहा है । पृथकवास केन्द्रों पर 2,938 लोग हैं, जिनके नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं । अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उपचाराधीन मामलों में से 7,198 लोग घर में पृथक-वास में हैं जबकि 1,112 लोग निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि जब से गृह पृथक-वास की व्यवस्था शुरू की गयी है, तब से बहुत से लक्षणमुक्त रोगी इसका लाभ उठा रहे हैं । प्रसाद ने बताया कि जो समय से संक्रमण की जांच करा लेते हैं और समय से अपनी चिकित्सा शुरू करा लेते हैं, उन्हें इस संक्रमण से कोई परेशानी नहीं देखी जा रही है लेकिन जो बीमारी छिपाते हैं, लक्षण आने के बाद भी जांच नहीं कराते, जो बहुत विलंब से आते हैं, उनमें जटिलताएं उत्पन्न होती हैं और कभी-कभी किसी मरीज की मृत्यु भी हो जाती है ।
उन्होंने ठीक हो चुके लोगों से अनुरोध किया कि वे अन्य लोगों को इस बीमारी के बारे में समझायें । प्रसाद ने बताया कि बुधवार को प्रदेश में 88, 967 नमूने जांचे गए, जिनमें से 51, 484 एंटीजन टेस्ट थे । अब तक 22, 09, 810 नमूनों की जांच की जा चुकी है । जांच शुरू होने से 24 जून तक चार महीने में छह लाख नमूनों की जांच हुई थी । 24 जून से 30 जुलाई के बीच लगभग पांच सप्ताह में 16 लाख नमूनों की जांच हुई है । जांच को निरंतर विस्तारित किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि पूल टेस्टिंग के माध्यम से बुधवार को पांच-पांच नमूनों के 2,963 पूल लगाए गए, जिनमें से 661 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि दस-दस नमूनों के 196 पूल लगाए गए, जिनमें से 27 लोग संक्रमित मिले । अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सर्विलांस का कार्य निरंतर चल रहा है । कुल 39, 578 क्षेत्रों में यह कार्य किया गया और 1, 44, 87, 398 घरों का सर्विलांस हुआ । आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से जिन लोगों को अलर्ट आए, ऐसे 5, 19, 783 लोगों को फोन कर सावधान किया जा चुका है ।
विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कालेजों में उपचार किया जा रहा है
उन्होंने बताया कि पृथक वार्डों में 32, 652 लोग हैं, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कालेजों में उपचार किया जा रहा है। पृथकवास केन्द्रों पर 2,938 लोग हैं, जिनके नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उपचाराधीन मामलों में से 7,198 लोग घर में पृथक-वास में हैं जबकि 1,112 लोग निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब से गृह पृथक-वास की व्यवस्था शुरू की गयी है, तब से बहुत से लक्षणमुक्त रोगी इसका लाभ उठा रहे हैं । प्रसाद ने बताया कि जो समय से संक्रमण की जांच करा लेते हैं और समय से अपनी चिकित्सा शुरू करा लेते हैं, उन्हें इस संक्रमण से कोई परेशानी नहीं देखी जा रही है लेकिन जो बीमारी छिपाते हैं, लक्षण आने के बाद भी जांच नहीं कराते, जो बहुत विलंब से आते हैं, उनमें जटिलताएं उत्पन्न होती हैं और कभी-कभी किसी मरीज की मृत्यु भी हो जाती है।
उन्होंने ठीक हो चुके लोगों से अनुरोध किया कि वे अन्य लोगों को इस बीमारी के बारे में समझायें। प्रसाद ने बताया कि बुधवार को प्रदेश में 88, 967 नमूने जांचे गये, जिनमें से 51, 484 एंटीजन टेस्ट थे। अब तक 22, 09, 810 नमूनों की जांच की जा चुकी है। जांच शुरू होने से 24 जून तक चार महीने में छह लाख नमूनों की जांच हुई थी।
24 जून से 30 जुलाई के बीच लगभग पांच सप्ताह में 16 लाख नमूनों की जांच हुई है। जांच को निरंतर विस्तारित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूल टेस्टिंग के माध्यम से बुधवार को पांच-पांच नमूनों के 2,963 पूल लगाए गए, जिनमें से 661 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि दस-दस नमूनों के 196 पूल लगाए गए, जिनमें से 27 लोग संक्रमित मिले।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सर्विलांस का कार्य निरंतर चल रहा है । कुल 39, 578 क्षेत्रों में यह कार्य किया गया और 1, 44, 87, 398 घरों का सर्विलांस हुआ । आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से जिन लोगों को अलर्ट आए, ऐसे 5, 19, 783 लोगों को फोन कर सावधान किया जा चुका है ।
कोविड-19 से प्रभावित लोगों को सुविधाएं देने में धन की नहीं होनी चाहिए कमी : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कोविड-19 से प्रभावित व्यक्तियों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसके लिए धन की कमी नहीं होनी चाहिए। योगी ने इसके लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि 25 लाख से कम जनसंख्या वाले जनपदों को तीन करोड़ रुपये तथा 25 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों को पांच करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जाएं।
मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कोविड-19 की उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए इस धनराशि का व्यय जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कमेटी की संस्तुति पर किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिये कि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति को कोविड चिकित्सालय में बिस्तर उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बिस्तरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी कोविड अस्पतालों में वरिष्ठ डॉक्टर मुआयना करें।
बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल की श्रेणी के आधार पर वेन्टिलेटर की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सहित सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल की श्रेणी के आधार पर वेन्टिलेटर की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। घर में पृथक-वास में रह रहे के मरीजों की निगरानी के लिए तकनीक का उपयोग किया जाए।
योगी ने जांच में और वृद्धि करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रतिदिन एक लाख से अधिक जांच निरन्तर की जाएं। आरटीपीसीआर से 40 हजार टेस्ट तथा रैपिड एण्टीजन टेस्ट विधि से 65 हजार जांच प्रतिदिन की जाएं। उन्होंने निदेशक, एसजीपीजीआई को कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, झांसी तथा गोरखपुर के मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजने के निर्देश दिये और कहा कि इन जनपदों में कोविड-19 की उपचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के भ्रमण के दौरान सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, वरिष्ठ संकाय सदस्य, कोविड अस्पतालों के प्रभारी डिप्टी सीएमओ तथा वेन्टिलेटर संचालक उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने जनपद लखनऊ में आवश्यक समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के गठन के भी निर्देश दिये हैं। यह कोविड चिकित्सालयों का भ्रमण कर इन अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त करेगी तथा आवश्यकतानुसार अन्य प्रबन्ध भी सुनिश्चित कराएगी।
उन्होंने महानिदेशक, स्वास्थ्य को प्रत्येक कोविड अस्पताल के प्रभारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से एवं महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा को प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से निरन्तर संवाद बनाये रखने के निर्देश दिये। योगी ने कहा कि रोगियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, घर-घर जाकर सर्वेक्षण कार्य तथा कोविड संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लक्षणों वाले व्यक्तियों के एण्टीजेन टेस्ट की व्यवस्था का प्रभावी संचालन जारी रखा जाए। प्रत्येक जनपद में एल-2 कोविड अस्पताल स्थापित किया जाए।
इस कार्य के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। उन्होंने कहा कि ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की 50 प्रतिशत एम्बुलेंस कोविड मरीजों के लिए तथा शेष 50 प्रतिशत गेर-कोविड मरीजों के लिए उपयोग की जाएं। साथ ही स्पष्ट किया कि कोविड कार्य में लगी एम्बुलेंस को कोविड के मामलों में ही इस्तेमाल किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि एम्बुलेंस कर्मियों को वेतन, मास्क, दस्तानों आदि की समस्या नहीं आनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई तथा किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में भर्ती कोविड मरीजों के लिए कुछ निजी कमरों की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई, केजीएमयू तथा डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान में भर्ती कोविड रोगियों में से, जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता हो, उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के बाल रोग चिकित्सा संस्थान को 15 अगस्त, 2020 तक प्रत्येक दशा में तैयार करने के निर्देश दिये।