अंसारी की हिरासत के लिए अनुच्छेद 32 का सहारा नहीं ले सकती उत्तर प्रदेश सरकार : पंजाब ने न्यायालय से कहा
By भाषा | Published: February 24, 2021 10:37 PM2021-02-24T22:37:27+5:302021-02-24T22:37:27+5:30
नयी दिल्ली, 24 फरवरी गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की हिरासत मांगने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए पंजाब सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत सिर्फ एक ‘नागरिक’ ही मौलिक अधिकारों की बात लेकर शीर्ष अदालत जा सकता है राज्य इस प्रावधान का उपयोग नहीं कर सकता।
संविधान का अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचार का अधिकार) किसी भी भारतीय नागरिक को संविधान प्रदत मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सीधे उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार प्रदान करता है।
पंजाब सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि अनुच्छेद 32 का उद्देश्य संविधान की तीसरी अनुसूची में दिए गए मौलिक अधिकारों की रक्षा करना है और इसके तहत मौलिक अधिकारों से इतर अन्य किसी भी प्रश्न पर चर्चा नहीं हो सकती।
न्यायालय में पंजाब सरकार ने कहा, ‘‘लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सिर्फ नागरिकों को ही अनुच्छेद 32 के तहत राज्य कार्यपालिका और विधायिका की कार्रवाई के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार दिया गया है। राज्य को किसी भी सूरत में अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत जाने का अधिकार प्राप्त नहीं है।’’
उसने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश राज्य को अर्जी देने का अधिकार नहीं है क्योंकि ना तो वह नागरिक है जिसे यह अधिकार प्राप्त है और नाहीं उसका कोई मौलिक अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है और यह अदालत उसकी रक्षा करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर रिट याचिका का मूल ही गलत है ऐसे में उसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।’’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत में अर्जी देकर पंजाब के रुपनगर जेल में बंद मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के बांदा जिला जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। पंजाब सरकार इसी पर अपना जवाब दे रही थी।
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