यूपी में एनकाउंटर की गजब कहानी, 74 मुठभेड़ों की हुई जांच, सभी में पुलिस को क्लीन चिट

By विनीत कुमार | Published: July 11, 2020 10:53 AM2020-07-11T10:53:35+5:302020-07-11T10:53:35+5:30

कुख्यात बदमाश विकास दुबे का एनकाउंटर एक बार फिर विवादों में है। अब एनकाउंटर की जांच होगी। हालांकि, उत्तर प्रदेश में ये पहली बार नहीं है जब किसी एनकाउंटर पर सवाल उठे हैं।

Uttar Pradesh Encounter records 74 probes completed in UP, police get clean chit in all | यूपी में एनकाउंटर की गजब कहानी, 74 मुठभेड़ों की हुई जांच, सभी में पुलिस को क्लीन चिट

विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल (फोटो-एएनआई)

Highlightsयूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार के आने के बाद 119 आरोपियों को एनकाउंटर में मारा गया हैसुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार विकास दुबे के एनकाउंटर की होनी है मजिस्ट्रेट जांच

सुप्रीम कोर्ट की ओर से 2014 में दिए गए गाइडलाइन के अनुसार अब विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच होगी। गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार को एनकाउंटर में उस समय मारा गया जब उत्तर प्रदेश एसटीएफ उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी। पुलिस के अनुसार विकास दुबे ने भागने की कोशिश की थी। हालांकि, दिलचस्प ये है कि इस एनकाउंटर की जो जांच होगी उसके भी नतीजे लगभग तय हैं। कम से कम पुराने रिकॉर्ड्स तो इसी बात का इशारा कर रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक ऐसे एनकाउंटर या गोलीबारी में उत्तर प्रदेश में विकास दुबे को मिलाकर अब तक 119 आरोपी मारे गए हैं। इनमें से 74 एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच पूरी हुई है। इन सभी में पुलिस को क्लीन चिट मिली है और कोर्ट ने पुलिस की ओर से फाइल की गई 61 रिपोर्ट को स्वीकार किया है।

रिकॉर्ड बताते हैं कि कुल 6145 ऐसे ऑपरेशन हुए है और इसमें 119 आरोपी मारे गए हैं जबकि 2258 घायल हुए हैं। इन ऑपरेशन में 13 पुलिसकर्मियों की भी जान गई है। इस संख्या में पिछले हफ्ते कानपुर में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वहीं, कुल 885 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

विकास दुबे की तरह हैदराबाद में मारे गए थे रेप के आरोपी

पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद में एक 26 साल की डॉक्टर के रेप के चार आरोपियों के एनकाउंटर के मामले में पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज वीए सिरुपुर की अध्यक्षता में जांच के आदेश दिए थे। उस मामले में भी तेलंगाना पुलिस की ओर से कहा गया था कि आरोपी पुलिस से हथियार छिनने के बाद भागने की कोशिश कर रहे थे, और तब उन्हें मारा गया। इस घटना के 7 महीने हो गए हैं और अभी जांच जारी है।

यूपी की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट ने सूबे में हुए एनकाउंटर को जनवरी 2019 में 'गंभीर मामला' बताया था। सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिवर्टीज की याचिका पर सुनवाई के दौरान आई थी। इस याचिका में 1000 एनकाउंटर्स की लिस्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था, जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इस केस को तब जुलाई 2018 से फरवरी 2019 के बीच चार बार सुना गया। हालांकि, उसके बाद अभी तक ये सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हो सकी है।

खास बात ये भी है कि यूपी सरकार ने पिछले साल गणतंत्र दिवस के मौके पर मुठभेड़ की संख्याओं को अपनी 'उपलब्धि' के तौर पर गिनवाने की बात कही थी। इस संबंध में पत्र भी भेजे गए थे। ये पत्र राज्य में जिला मजिस्ट्रेटो को भी भेजे गए, जिन्हें आम तौर पर पुलिस की ओर से हुए एनकाउंटर की स्वतंत्र जांच में अहम भूमिका निभानी होती है।

Web Title: Uttar Pradesh Encounter records 74 probes completed in UP, police get clean chit in all

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