उत्तर प्रदेशः खत्म होगा साहूकारी कानून!, ग्रामीण इलाकों में फैले साहूकारों पर कसेंगे नकेल, जानें क्या होगा असर
By राजेंद्र कुमार | Published: November 15, 2022 06:29 PM2022-11-15T18:29:54+5:302022-11-15T19:00:16+5:30
उत्तर प्रदेशः सरकारी बैंकों, गैर-सरकारी बैंकों और अन्य वित्तीय कंपनियों द्वारा साहूकारों की अपेक्षा काफी कम ब्याज दरों पर आम जनता को गोल्ड लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, वाहन लोन और अन्य प्रकार के लोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
लखनऊः उत्तर प्रदेश (यूपी) के दूर दराज के गांव में बैंकों की शाखाएं खुल गई हैं. इसके बाद भी सूबे के लोग साहूकारों के चंगुल में है. छोटे मोटे कारोबार, आकस्मिक संकट या शादी जैसी जरूरतों में लोग साहूकारों से कर्ज लेते हैं. बाद में यही कर्ज लोगों के गले का फंदा बन जाता है.
ग्रामीण इलाकों में फैले साहूकारों के इस जाल को अब योगी सरकार ने तोड़ने की ठान ली है. जिसके चलते अब यूपी में साहूकारी कानून को समाप्त करने की तैयारी शुरू हो गई है. इस कानून को राज्य विधानमंडल से खत्म कराने कराया जाएगा. इसके बाद ना तो पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल किया जाएगा और ना ही नया लाइसेंस जारी होगा.
उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम, 1976 की में लाया गया था. जब इससे लाया गया था तब बैंकिंग सेवाओं तथा ऑनलाइन बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का लाभ दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों व आम जनता के लिए सर्वसुलभ नहीं था. इस कानून के तहत साहूकार का लाइसेंस लेकर लोगों को उच्च ब्याज दरों (18 प्रतिशत से 36 प्रतिशत) पर सोने के गहनों के कुल मूल्य का 50 प्रतिशत तक ऋण देते हैं.
सरकार ने पाया कि साहूकार गरीबों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. ऐसे में योगी सरकार ने साहूकारी क़ानून को खत्म करने की पहल कर दी. योगी सरकार इस फैसले से शहर और गांव में गरीब तबके के लोगों को साहूकारों के शोषण से निजात मिल सकेगी. इस क़ानून को खत्म करने के लिए यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वित्त विभाग सहित कई अन्य विभागों की राय ली.
अधिकांश अधिकारियों के यह कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में यह कानून अप्रासंगिक हो गया है. ऐसे में इसे समाप्त करने पर खत्म किए जाने की सहमति बनी. तब मुख्य सचिव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में विस्तार से बताया तो मुख्यमंत्री ने साहूकारी कानून को समाप्त करने को लेकर कार्रवाई करने पर सहमति जता दी.
अब जल्दी ही साहूकारी समाप्त करने संबंधी प्रस्ताव राज्य कैबिनेट से सामने रखा जाएगा. कैबिनेट से अनुमति मिलते ही साहूकारी क़ानून को खत्म करने संबंधी विधेयक विधानमंडल से पारित कराने की कार्यवाही कराई जाएगी.
सरकार का मत है कि अब सरकारी बैंकों, गैर-सरकारी बैंकों और अन्य वित्तीय कंपनियों द्वारा साहूकारों की अपेक्षा काफी कम ब्याज दरों पर आम जनता को गोल्ड लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, वाहन लोन और अन्य प्रकार के लोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. यहीं नहीं विभिन्न बैंकों और विभिन्न वित्तीय संस्थानों को सोने के मूल्य का 90 प्रतिशत तक ऋण देने की व्यवस्था की है. क़ानून की अब जरूरत नहीं है.