उत्तर प्रदेशः बांदा में कूड़ा फेंकने पर विवाद, चचेरे भाइयों ने कुल्हाड़ी से हमला कर सिपाही, उसकी मां और बहन को मार डाला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 21, 2020 09:13 PM2020-11-21T21:13:07+5:302020-11-21T21:14:25+5:30
सिपाही, उसकी मां एवं बहन की कथित रूप से हत्या कर दी। वारदात में दो अन्य लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में शुक्रवार रात तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया और एक महिला को हिरासत में ले लिया।
बांदाः बांदा शहर में शुक्रवार मध्यरात्रि नाली में कूड़ा फेंकने को लेकर हुए विवाद में चचेरे भाइयों ने धारदार हथियार से हमला कर एक सिपाही, उसकी मां एवं बहन की कथित रूप से हत्या कर दी। वारदात में दो अन्य लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में शुक्रवार रात तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया और एक महिला को हिरासत में ले लिया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता एवं पूर्व मंत्री जीसी दिनकर ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस चाहती, तो इस घटना को रोक सकती थी। नगर पुलिस उपाधीक्षक आलोक मिश्रा ने शनिवार सुबह बताया, "बांदा शहर के गायत्री नगर (चमरौड़ी) मोहल्ले के परशुराम तालाब में शुक्रवार रात करीब साढ़े 11 बजे नाली में कूड़ा और सड़े चावल फेंकने को लेकर हुए विवाद के बाद प्रयागराज जिले के नैनी थाना में तैनात सिपाही अभिजीत वर्मा (27), उसकी बहन निशा वर्मा (29) और मां रमावती (54) की उनके पड़ोसियों एवं (अभिजीत वर्मा के) चचेरे भाइयों ने कुल्हाड़ी और लाठी-डंडों से हमला कर तथा तमंचे से गोली मारकर कथित रूप से हत्या कर दी।"
उन्होंने बताया, "इस सिलसिले में रात करीब दो बजे छापेमारी कर एक घर से मृत सिपाही के चचेरे भाई देवराज, शिवपूजन और बबलू को घटना में इस्तेमाल किये गए हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया और आरोपियों के परिवार की एक महिला को भी हिरासत में लिया गया।’’ उन्होंने बताया कि अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। मिश्रा ने बताया, "हमले के दौरान सिपाही अभिजीत, उसकी बहन और मां को बचाने में अभिजीत के साथी दिलीप (24) और एक महिला रज्जो देवी (35) भी कुल्हाड़ी लगने से घायल हो गए, जिन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सिपाही अवकाश में दिवाली मनाने अपने घर आया था। तीनों शवों का शनिवार को पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।’’ वहीं, शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश सिंह ने बताया, "चचेरे भाइयों के बीच नाली में कूड़ा और सड़े चावल फेंकने को लेकर शुक्रवार देर शाम पहले मामूली विवाद हुआ, जिसके बाद अभिजीत के चचेरे भाई देवराज, शिवपूजन और बबलू ने तमंचे से हवा में गोलियां चलाकर दहशत फैलाने की कोशिश की।" उन्होंने बताया कि इसके बाद रात करीब साढ़े 11 बजे पांच-छह लोगों ने अभिजीत के घर धावा बोल दिया और घर से बाहर घसीट कर तीनों की हत्या कर दी सिंह ने बताया, "सिपाही अभिजीत, उसकी बहन निशा और मां रमावती को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मोहल्ले में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।" पुलिस ने बताया, "अभिजीत का छोटा भाई सौरभ भी पुलिस का प्रशिक्षित सिपाही है। वह आज सुबह बांदा कोतवाली आ गया है। उसकी तहरीर पर हत्या का मुकदमा लिखा जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।" घटना की जानकारी मिलने पर बांदा परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा और जिलाधिकारी आनन्द कुमार सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और मामले में आवश्यक कार्रवाही के निर्देश दिए। इस बीच पूर्व मंत्री दिनकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "बांदा शहर में एक सिपाही, उसकी बहन और मां की हत्या पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई है। यदि पुलिस चाहती तो घटना टल सकती थी।"
उन्होंने कहा, ‘‘नाली में कूड़ा फेंकने को लेकर बृहस्पतिवार को विवाद हुआ था। इसकी शिकायत लेकर रमावती उसी दिन कालूकुआं पुलिस चौकी गयी थी, लेकिन पुलिस ने परिवारिक विवाद बताकर उन्हें भगा दिया था। इसके बाद महिला ने शहर कोतवाल से मिलकर मदद की गुहार लगाई थी और बड़ी घटना का अंदेशा जताया था, लेकिन वहां भी कोई तरजीह नहीं दी गयी। पुलिस की लापरवाही का नतीजा अब सबके सामने है।"
दिनकर ने कहा, "जहां तक मुझे जानकारी मिली है तो अभिजीत ने भी घटना से कुछ समय पहले कोतवाल के सरकारी फोन पर वारदात होने की आशंका व्यक्त की थी, तब भी कोतवाल ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था।" इस बीच मृत सौरभ वर्मा ने कहा, "हमलावर उनके चचेरे भाई हैं और दोनों के घर अगल-बगल हैं। हम दोनों भाइयों का सिपाही पद पर चयन होने से देवराज के परिवार के लोग चिढ़ गए थे और अक्सर विवाद करते रहते थे। उनका मकसद था कि हम अपना घर बेचकर कहीं और चले जाएं।" पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "तिहरे हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही की भी जांच की जा रही है। यदि पुलिस की चूक सामने आई तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"