बलिया कांडः मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर, भाजपा विधायक बोले-आरोपी ने आत्मरक्षा के लिए चलाई गोली
By भाषा | Published: October 16, 2020 05:30 PM2020-10-16T17:30:47+5:302020-10-16T17:30:47+5:30
अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी ब्रज भूषण ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी नरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार कर लिया है। नरेन्द्र, रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू के बड़े भाई हैं।
बलियाः उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती कांड के एक आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी इसकी जानकारी दी। अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी ब्रज भूषण ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी नरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार कर लिया है। नरेन्द्र, रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू के बड़े भाई हैं।
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान एक व्यक्ति की हुयी हत्या के मामले में तीन उप निरीक्षक सहित नौ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि मामले के आरोपियों के असलहा लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जायेगी।
वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने पुलिस की जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए मामले की सीबी—सीआईडी से जांच की मांग की है। अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार यादव ने शुक्रवार को बताया कि बृहस्पतिवार को रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान हुए घटना में लापरवाही बरतने के मामले में रेवती थाने में तैनात तीन उप निरीक्षकों-सूर्य कांत पांडेय, सदानन्द यादव एवं कमला सिंह यादव तथा छह अन्य आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है।
उप जिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल तथा पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह को निलंबित कर दिया था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में इससे पहले ही उप जिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल तथा पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह को निलंबित कर दिया था। अधिकारी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी की आख्या से स्पष्ट है कि अभियुक्त मौके पर असलहा लेकर आये और पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह तथा अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में वारदात को अंजाम देकर फरार हो गये । अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रेवती थाने में चंद्रमा पाल की शिकायत पर धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू, उनके भाई नरेन्द्र प्रताप सिंह सहित आठ लोगों को नामजद किया गया है जबकि 20 से 25 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दबिश दी जा रही है, लेकिन मुख्य आरोपी धीरेंद्र सहित अन्य आरोपी फरार हैं । वहीं दूसरी ओर रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को हुई घटना में मृतक जय प्रकाश पाल उर्फ गामा के भाई तेज प्रताप पाल ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाये है । पाल ने पत्रकारों को बताया कि घटना के बाद पुलिस की भूमिका बेहद शर्मनाक रही है । उन्होंने दावा किया कि घटनास्थल पर दस पुलिस कर्मी मौजूद थे, जिसमें दो महिला पुलिसकर्मी भी थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों को बचा रही थी और हम लोगों को पीट रही थी। आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह गोली मारकर भाग रहा था तो पुलिस ने उसे पीछे से पकड़ लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने धीरेंद्र प्रताप को बंधे पर ले जाकर छोड़ दिया और उसे फरार करा दिया। अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कल हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण व दुखद करार दिया।
उन्होंने इसके साथ ही प्रशासन पर न्याय का गला घोंटने का आरोप लगाया। विधायक ने रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का बचाव करते हुए इसे क्रिया के विरुद्ध प्रतिक्रिया करार दिया । उन्होंने कहा कि धीरेंद्र प्रताप ने आत्म रक्षा में गोली चलाई है, वरना उसके परिवार के सदस्यों एवं सहयोगियों समेत दर्जनों लोग मार दिये गए होते । उन्होंने इसके साथ ही कहा कि आत्मरक्षा के लिए असलहा लाइसेंस दिया जाता है । धीरेंद्र प्रताप के समक्ष मरने - मारने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नही रह गया था।
भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की सीबीसीआईडी जांच की मांग की है । उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दूसरे पक्ष की छह महिलाएं भी घायल हुई हैं, लेकिन उनकी पीड़ा कोई नही देख रहा। इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है । उधर बलिया में सस्ते गल्ले की दुकान के चयन को लेकर बुलाई गयी बैठक में हुयी हत्या की घटना पर मायावती ने शुक्रवार को गहरी चिंता जताते हुये कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है।
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ''उत्तर प्रदेश के बलिया में हुई घटना अति-चिन्ताजनक, अब भी महिलाओं व बच्चियों पर आये दिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहाँ कानून-व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह बेेहतर होगा। बसपा की यह सलाह।''
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया, ''बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम एक युवक की हत्या कर फरार हो जाने से उप्र में कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है। अब देखे क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी पलटाती है या नहीं।'' गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी थी।
How can I deny that he is my close associate? Not only mine, he is a close associate of BJP as his family votes for us & he worked for us in polls. Everyone who votes for us is a close associate. But I decry the incident & administration's one-sided probe: Surendra Singh, BJP MLA https://t.co/a88JV4eYcWpic.twitter.com/tuq4VL4TVD
— ANI UP (@ANINewsUP) October 16, 2020