दीक्षित का आदेश, जल की बर्बादी रोकने के लिए सदन में केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 19, 2019 01:59 PM2019-07-19T13:59:45+5:302019-07-19T13:59:45+5:30

प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप दुबे ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि अध्यक्ष के निर्देश पर विधानसभा परिसर में केवल आधा गिलास पानी ही उपलब्ध कराया जाएगा। दुबे ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि अधिकांशतया पूरे भरे गिलास का पानी इस्तेमाल नहीं होता है।

Uttar Pradesh Assembly Speaker, Hriday Narayan Dikshit directs staff of the Assembly Secretariat to offer "only half a glass of water at first | दीक्षित का आदेश, जल की बर्बादी रोकने के लिए सदन में केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा

आपको बता दें कि नीति आयोग पहले ही कह चुका है कि भारत भतिहास के सबसे भयावह जल संकट से जूझ रहा है।

Highlightsआदेश में कहा गया है कि सचिवालय और परिसर के सभी अनुभागों में लोगों को पहले केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा। अधिकारियों और स्टाफ से अपेक्षा है कि इस आदेश का तत्काल प्रभाव से पालन किया जाए। 

जल संरक्षण के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आदेश दिया है कि जल की बर्बादी रोकने के लिए परिसर में पहले केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा।

प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप दुबे ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि अध्यक्ष के निर्देश पर विधानसभा परिसर में केवल आधा गिलास पानी ही उपलब्ध कराया जाएगा। दुबे ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि अधिकांशतया पूरे भरे गिलास का पानी इस्तेमाल नहीं होता है।

अगर कोई और पानी चाहता है तो उसे और पानी दिया जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि सचिवालय और परिसर के सभी अनुभागों में लोगों को पहले केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा। अधिकारियों और स्टाफ से अपेक्षा है कि इस आदेश का तत्काल प्रभाव से पालन किया जाए। 

कई बार बर्बाद होता है पानी
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कई बार ये देखा जाता है कि पूरे भरे हुए गिलास के जल का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए जल संरक्षण के लिए हमें इस उपयोग को करना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि विधानसभा परिसर और सचिवालय के सभी अनुभागों में प्रारंभ में आधा गिलास जल ही प्रस्तुत किया जाए।

जल संरक्षण के लिए मांग सहयोग 
उन्होंने कहा कि विधानसभा के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इस व्यवस्था का तत्काल प्रभाव से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

2030 तक और विकराल होगी स्थिति
आपको बता दें कि नीति आयोग पहले ही कह चुका है कि भारत भतिहास के सबसे भयावह जल संकट से जूझ रहा है। 60 करोड़ लोगों को हर रोज पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। करीब 2 लाख लोग हर साल साफ पेयजल न मिलने से मर रहे हैं। देश के 75 फीसदी मकानों में पानी की सप्लाई नहीं है और अगर हालात ऐसे ही रहे तो साल 2030 तक पानी की किल्लत और भी विकराल हो जाएगी।

 

Web Title: Uttar Pradesh Assembly Speaker, Hriday Narayan Dikshit directs staff of the Assembly Secretariat to offer "only half a glass of water at first

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