उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावः प्रियंका गांधी की सक्रियता से योगी सरकार और भाजपा में बेचैनी?
By शीलेष शर्मा | Published: October 20, 2021 06:02 PM2021-10-20T18:02:14+5:302021-10-20T18:07:25+5:30
Uttar Pradesh Assembly Elections: हाथरस, उन्नाव, वाराणसी, लखीमपुर खीरी सहित जहां जहां कोई उत्पीड़न की घटना हुई। सभी राजनाीतिक दलों को पीछे छोड़ प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए कूच कर दिया।
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्य में विधानसभा चुनाव 2022 में हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की राज्य में राजनीतिक सक्रियता ने भाजपा और बसपा में बेचैनी पैदा कर दी है।
जिसके साफ संकेत उस समय मिले, जब प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र नागर ने परोक्ष रूप से स्वीकार किया कि प्रियंका के सक्रिय होने से कांग्रेस प्रदेश में अब दिखने लगी है। उनके ड्रामे से राज्य सरकार और प्रशासन के सामने मुश्किलें खड़ी हो रही हैं।
हाथरस, उन्नाव, वाराणसी, लखीमपुर खीरी सहित जहां जहां कोई उत्पीड़न की घटना हुई। सभी राजनाीतिक दलों को पीछे छोड़ प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए कूच कर दिया। आज भी प्रियंका आगरा में पुलिस कस्टडी में मारे गये अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने लखनऊ कूच कर रही थीं कि लखनऊ में ही उनको पहले रोका गया।
भाजपा का टूल किट -:
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 20, 2021
• अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत।
• महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर मृतक परिवार से मिलने जाने पर श्रीमती प्रियंका गाँधी पर रोक।
• प्रियंका जी को गिरफ़्तार कर लखनऊ ले जा रहे।
• गरीब वाल्मीकि परिवार से न्याय हज़ारों कोस दूर।
ये आवाज़ रुकेगी नही, बढ़ेगी। https://t.co/fnA9zUdPEx
पुलिस हिरासत में ले कर पुलिस लाइन भेज दिया गया। उनके साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ,प्रमोद कृषणन सहित नेताओं और कार्यकर्ताओं का भारी हुजूम था। भारी दवाब के बाद योगी सरकार झुकी और प्रियंका को आगरा जाने की इज़ाज़त दे दी। प्रियंका आगरा के लिये रवाना हो चुकी हैं।
इससे पहले कांग्रेस ने प्रियंका को हिरासत में लिये जाने पर कड़ी आपत्ति उठाते हुये कहा कि जो गलती इंदिरा गांधी को गिरफ्तार की गयी थी योगी सरकार वही गलती दोहरा रही है, जितनी बार प्रियंका को योगी सरकार रोकेगी कांग्रेस उतनी ही मज़बूती से उभरेगी।
प्रियंका ने हिरासत में ही ट्वीट किया कि अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।"
रणदीप सुरजेवाला की टिप्पणी कि थी भाजपा का टूल किट है। अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत। महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर मृतक परिवार से मिलने जाने पर प्रियंका गांधी पर रोक। प्रियंका जी को गिरफ़्तार कर लखनऊ ले जा रहे। गरीब वाल्मीकि परिवार से न्याय हज़ारों कोस दूर। ये आवाज़ रुकेगी नहीं, बढ़ेगी।
प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''किसी को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस की हिरासत में अरुण वाल्मीकि के मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। उच्चस्तरीय जांच, पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।''
गौरतलब है कि आगरा के जगदीशपुरा थाने से के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के आरोप में वहां सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने वाले अरुण को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी। आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी ने आज बताया कि मंगलवार की रात अरुण की निशनदेही पर चोरी के पैसे बरामद करने के लिए उसके घर की तलाशी ली जा रही थी, उसी दौरान आरोपी की तबियत बिगड़ने लगी।
उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया हुआ घोषित कर दिया। इस घटना के संबंध में आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) ने थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने बताया कि तलाशी के दौरान अरुण के घर से 15 लाख रुपये बरामद हुए हैं।