उत्तर प्रदेश: अखिलेश ने प्रमुख शहरों में हुई जमीनों की खरीद को मुद्दा बनाया
By राजेंद्र कुमार | Published: November 6, 2024 10:46 PM2024-11-06T22:46:18+5:302024-11-06T22:46:28+5:30
संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी रायबरेली में महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना की पोल खोल कर अखिलेश यादव के इस अभियान को और ताकत दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दलों का चुनाव प्रचार तेजी पकड़ लिया है। सूबे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की योगी सरकार हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं। वहीं सूबे के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और सपा के अन्य नेता राज्य के जमीन खरीद के तमाम मामलों के साथ ही भ्रष्टाचार, खाद संकट, खराब कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और नौकरशाहों की मनमानी को लेकर योगी सरकार को घेर रहे हैं।
संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी रायबरेली में महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना की पोल खोल कर अखिलेश यादव के इस अभियान को और ताकत दी है। योगी सरकार के शासन की बदहाली को लेकर शुरू किए गए सपा और कांग्रेस नेताओं के इस प्रचार अभियान से प्रदेश सरकार में मंत्री सकते में हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे वह सपा के प्रचार अभियान का जवाब दे। अब यह नेता सीएम योगी के 8 नवंबर से शुरू होने वाले प्रचार अभियान के इंतजार में है।
योगी सरकार को ऐसे घेरेगी सपा :
यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों को भाजपा और सपा अगले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही हैं। मुख्यमंत्री योगी और सपा के मुखिया अखिलेश यादव का मानना है कि उपचुनाव में मिली विजय से पार्टी का आधार मजबूत होगा। जो पार्टी उपचुनाव में जीतेगी इसके लिए अगले विधानसभा चुनाव की जीत का रास्ता आसान होगा। यहीं बात अखिलेश यादव ने पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हे बताई है।
उन्होंने यह भी कहा है कि भाजपा को हराना सपा के मुश्किल नहीं है। इसके लिए हमें एकजुट होकर जनता को यह बताना है कि योगी सरकार जनता के हितों पर ध्यान देने के बजाय बड़े उद्योगपतियों और अपने लोगों को लाभ पहुंचाने में जुटी हैं। जिसके चलते नौकरशाहों से लेकर भाजपा के नेता और समर्थक बड़े शहरों में जमीनों की खरीद फरोख्त कर रहे हैं। पुलिस मनमानी कर रही है। स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही। सड़कें टूटी हैं। अस्पतालों में लोगों के इलाज की व्यवस्था चरमराई हुई है। वहीं दूसरी तरफ सूबे के मुख्यमंत्री बड़ी बड़ी घोषणाएँ कर रहे हैं और हिंदुत्व के एजेंडे के तहत बटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे लगाते हुए समाज को डरा कर वोट पाने का मुहिम चला रहे हैं। अखिलेश का कहना है कि योगी सरकार के इस जाल में हमें नहीं फंसना है। हमारा सारा फोकस इस पर होना चाहिए कि धार्मिक आधार पर मतों का विभाजन ना होने पाए।
योगी देंगे अखिलेश के आरोप का जवाब :
गाजियाबाद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करती हुए अखिलेश यादव ने यह बात दोहराई। उन्होंने कहा किया कि सूबे की जनता पूरी तरह से भाजपा को हटाने के लिए तैयार है। अगर सपा कार्यकर्ता बूथ स्तर पर काम करें तो यूपी की सत्ता हासिल करने का उनका लक्ष्य आसानी से पूरा हो सकता है।
महानगरों में जमीनों की धंधे को लेकर जिस तरह की शिकायतें आ रही हैं, उसे मुद्दा बनाने में सपा पीछे नहीं रहना चाहती। इसलिए पार्टी के नेता अब गाजियाबाद में ही नहीं, लखनऊ और अयोध्या में भी जमीनों की खरीद-फरोख्त का रिकॉर्ड रजिस्ट्री विभाग सार्वजनिक करे। ताकि जनता को यह पता चले की रामराज्य की बात करने वाली प्रदेश सरकार किस तरह से अपने लोगों को लाभ पहुंचाने में जुटी है।
सपा के पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले से घबराई प्रदेश सरकार अब विवादित नारे के जरिए जाति के आधार पर ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश कर रही हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव के इन आरोपों का जवाब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आठ नवंबर से शुरू हो रहे अपने चुनाव प्रचार अभियान में देंगे।