उत्तर प्रदेशः योगी राज के 8 वर्षों में 142 स्लीपिंग मॉड्यूल पकड़े?, आतंकी सैफुल्लाह मुठभेड़ में ढेर
By राजेंद्र कुमार | Updated: May 13, 2025 16:29 IST2025-05-13T16:28:39+5:302025-05-13T16:29:25+5:30
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, यह बहन बेटियों के सम्मान की रक्षा का संकल्प है. सीएम योगी की इस प्रतिक्रिया को सुनते ही मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी भी सक्रिय हुए.

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लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को राष्ट्र के नाम किए गए संबोधन में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने संबंधी जो ऐलान किया उससे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खासे प्रभावित हुए. यही वजह है कि पीएम के संबोधन पर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पीएम का संबोधन आतंक के खिलाफ नए भारत की नीति का स्पष्ट ऐलान है. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, यह बहन बेटियों के सम्मान की रक्षा का संकल्प है. सीएम योगी की इस प्रतिक्रिया को सुनते ही मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी भी सक्रिय हुए.
इसके के बाद उत्तर प्रदेश में बीते आठ वर्षों के दौरान आतंकवादी संगठनों और उनके स्लीपिंग मॉड्यूल (सहयोगियों) के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने को लेकर जो कार्रवाई की गई उसका ब्यौरा जारी किया गया. सूबे गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा जारी किए गए इस ब्यौरे के अनुसार यूपी में बीते आठ वर्षों में आतंकियों के नेटवर्क के साथ टेरर फंडिंग, धार्मिक उन्माद, विदेशी घुसपैठ को ध्वस्त करने के क्रम में पुलिस ने 230 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया और आतंकवादी संगठनों के 142 स्लीपिंग मॉड्यूल को गिरफ्तार किया है.
इनमें प्रदेश में 131 स्लीपिंग मॉड्यूल आतंकवादी संगठनों को पनाह देने के साथ गोपनीय सूचनाएं पहुंचाते थे, जबकि एक आतंकवादी को मुठभेड़ में मारा गया. जबकि आतंकवादी संगठनों को टेरर फंडिंग करने वाले 11 स्लीपिंग मॉड्यूल को अरेस्ट कर जेल भेजा गया है.
इन आंतकी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल पकड़े गए
आतंकवादी संगठनों की मदद करने के आरोप में पकड़े गए लोगों को लेकर उत्तर प्रदेश एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए स्लीपिंग मॉड्यूल आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया), आईएसआई (इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस) अल-कायदा, पीएफआई, और जमात-उल-मुजाहिदीन तथा सिमी समेत करीब एक दर्जन आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए थे.
इन्हें आतंकवादियों को पनाह और गोपनीय सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इसके अलावा टेरर फंडिंग करने वाले 11 स्लीपिंग मॉड्यूल पकड़े गए हैं. एक आतंकी सैफुल्लाह को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर भी किया है. इसके अलावा जाली करेंसी के मामलों में 41 लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 47.03 लाख रुपये की जाली मुद्रा भी बरामद की गई है.
प्रदेश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे 173 रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को भी एटीएस ने पकड़ा है. यह रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते थे. यहीं नहीं अयोध्या में राम मंदिर को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने या सड़क-जुलूस की साजिश में लिप्त अभियुक्तों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.
धर्मांतरण से जुड़े सिंडिकेट पर हुई कार्रवाई : प्रदेश में धर्मांतरण से जुड़े सिंडिकेट पर भी बीते आठ वर्षों में की गई कार्रवाई का भी ब्यौरा सरकार ने जारी किया है. इसके मुताबिक बीते आठ वर्षों में ऐसे 173 लोगों को गिरफ्तार किया गया, धर्मांतरण से जुड़े सिंडिकेट से जुड़े थे. इसके साथ ही 20 से अधिक ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जो विदेशी फंडिंग से चल रहे बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे.
एटीएस ने साइबर फ्रॉड और फर्जी नाम-पते पर सिम खरीदने जैसे मामलों में भी बीते आठ वर्षों में प्रभावी कार्रवाई की है और साइबर फ्रॉड में लिप्त गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 19 आरोपियों को पकड़ा है. जिनमें चार चीन के नागरिक और 15 भारतीय हैं. जबरन कराए जाने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए योगी सरकार कानून भी लाई है.