अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ आज भारत में, नई दिल्ली में करेंगे पीएम मोदी से मुलाकात
By भाषा | Published: June 25, 2019 07:46 AM2019-06-25T07:46:11+5:302019-06-25T07:46:11+5:30
लोकसभा चुनाव के बाद किसी भी देश की ओर से पहले उच्च स्तरीय दौरे के तहत अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ 25 से 27 जून तक भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान वह रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने को लेकर भारतीय नेतृत्व से बातचीत करेंगे।
उनका यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 28-29 जून को जापान के ओसाका में जी20 शिखर वार्ता से इतर होने वाले वाली मुलाकात से पहले हो रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान पोम्पिओ विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे।
कुमार ने कहा, “हम इस दौरे को दोनों पक्षों के लिए रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और परस्पर हित वाले मामलों पर उच्च स्तरीय बातचीत जारी रखने के महत्त्वपूर्ण अवसर के तौर पर देख रहे हैं।” उन्होंने कहा, “चुनावों के बाद भारत और अमेरिका के बीच पहली उच्च स्तरीय वार्ता होगी। साथ ही किसी देश से पहला उच्च स्तरीय दौरा है। हम इसे सभी मुद्दों पर चर्चा करने के अवसर के तौर पर देख रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय ढांचे के तहत आने वाले ज्यादातर मुद्दों पर चर्चा होगी और कुछ बातचीत क्षेत्रीय एवं परस्पर हित के वैश्विक मुद्दों पर भी होगी। कुमार ने एच-1 बी कार्य वीजा को सीमित करने के अमेरिका के विचार को लेकर आ रही खबरों के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हमें अमेरिकी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। हम इस मामले पर अपनी बात दोहरा रहे हैं और अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहे हैं।’’
पोम्पिओ के यहां के दौरे पर क्या यह मुद्दा उठाया जाएगा, यह पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि यहां उनकी बैठकों के एजेंडा के बारे में अटकलें लगाना सही नहीं होगा। कुमार ने कहा, “इस तरह की कोई (आधिकारिक) रिपोर्ट नहीं है। ऐसे बयान के साथ कोई भी अमेरिकी अधिकारी सामने नहीं आया है। यह सूत्र आधारित खबर है। हमें इस बारे में अमेरिकी सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है। हम इस मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन, कांग्रेस के साथ लगातार बात कर रहे हैं।”
पिछले हफ्ते लोकप्रिय चुनाव नारे “मोदी है तो मुमकिन है” का हवाला देते हुए पोम्पिओ ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध को दूसरे स्तर पर ले जाने की बात कही थी और कहा था कि ट्रंप और मोदी प्रशासनों के पास इसे मुमकिन करने के लिए “अनोखा मौका” है।