रेलवे स्टेशन के साइन बोर्ड से नहीं हटाया जाएगा उर्दू भाषा, निजीकरण का कोई विचार या प्रस्ताव नहीं: गोयल
By भाषा | Published: February 7, 2020 06:32 PM2020-02-07T18:32:20+5:302020-02-07T18:32:20+5:30
सरकार का रेलवे के निजीकरण का कोई विचार या प्रस्ताव नहीं है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया ‘‘रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है।
सरकार ने रेलवे स्टेशनों पर साइन बोर्ड से उर्दू भाषा को हटाने की आशंकाओं को खारिज करते हुये शुक्रवार को संसद में स्पष्ट किया कि रेल मंत्रालय द्वारा ऐसा कोई फैसला नहीं किया गया है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। रेलवे स्टेशनों पर साइन बोर्डों से उर्दू भाषा को हटाने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में गोयल ने बताया, ‘‘साइन बोर्डों में उर्दू भाषा को हटाया नहीं गया है।’’
उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशनों के साइन बोर्ड पर हिंदी अंग्रेजी और उर्दू का इस्तेमाल किया जाता है। गोयल ने कहा, ‘‘साइन बोर्डेां में भाषा के प्रयोग के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा जारी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।’’
सरकार का रेलवे के निजीकरण का कोई विचार या प्रस्ताव नहीं है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया ‘‘रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है।
बहरहाल, कुछ गाड़ियों का वाणिज्यिक और ‘‘ऑन बोर्ड’’ सेवाओं का आउटसोर्स करने तथा यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से चुनिंदा मार्गों पर गाड़ियां चलाने के लिए आधुनिक रैकों को शामिल करने के वास्ते निजी कंपनियों को अनुमति देने का प्रस्ताव है।’’
गोयल ने बताया कि ऐसे मामलों में गाड़ी परिचालन और संरक्षा प्रमाणन का उत्तरदायित्व रेलवे के पास रहेगा। उन्होंने बताया ‘‘साफ-सफाई और अन्य सेवाओं में सुधार करने के लिए स्टेशन की सफाई, पे एंड यूज शौचालय, विश्राम कक्षों, पार्किंग तथा प्लेटफार्म के रखरखाव जैसी सेवाओं का आउटसोर्स जरूरत के आधार पर किया जा रहा है।’’
सरकार रेलवे नेटवर्क संवर्द्धन के लिए दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य योजना मुहैया कराने के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना बना रही है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया ‘‘इस राष्ट्रीय रेल योजना के लिए मंत्रालयों, विभागों, ग्राहकों आदि सभी पक्षकारों के सुझाव योजना में शामिल किए जा रहे हैं।’’ गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय रेल योजना के उद्देश्य प्राप्त करने के लिए पीपीपी मॉडल तथा चरणबद्ध निर्माण कार्यक्रम सहित सभी संभव वित्तीय मॉडलों को ध्यान में रखा जा रहा है।