उपेंद्र कुशवाहा को लगा झटका, NDA से अलग होते दो हिस्सों में बटी पार्टी

By एस पी सिन्हा | Published: December 15, 2018 03:09 PM2018-12-15T15:09:55+5:302018-12-15T15:09:55+5:30

विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिगत राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं।  बागी विधायकों ने पार्टी सिंबल के साथ-साथ दफ्तर पर भी दावा ठोका है।

Upendra Kushwaha party RLSP divided into two, after he left NDA | उपेंद्र कुशवाहा को लगा झटका, NDA से अलग होते दो हिस्सों में बटी पार्टी

उपेंद्र कुशवाहा को लगा झटका, NDA से अलग होते दो हिस्सों में बटी पार्टी

सीटों के तालमेल में बात नही मानने के कारण केन्द्र में मंत्री पद और फिर राजग से नाता तोडने का ऐलान करने के बाद अब रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अपने हीं दल में अलग-थलग पड गये हैं।  आखिरकार उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में टूट हो गई।  दोनों विधायक और एक मात्र विधान पार्षद ने एनडीए में जाने का एलान कर दिया है।  

आज पटना में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर दोनों विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान और विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह इस बात की घोषणा की और कहा कि असली रालोसपा वही हैं।  विधायकों ने साथ ही पार्टी पर भी अपना दावा ठोका है।  उन्होंने कुशवाहा पर स्वार्थ की राजनीति का आरोप लगाया है।  

विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिगत राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं।  बागी विधायकों ने पार्टी सिंबल के साथ-साथ दफ्तर पर भी दावा ठोका है।  उन्होंने कहा कि जरूरत पडी तो निर्वाचन आयोग का भी दरवाजा खटखटायेंगे।  उन्होंने कहा कि असली रालोसपा हमलोग हैं।  

विधानमंडल में पार्टी के तीन ही सदस्य हैं।  हम तीनों साथ हैं और एनडीए में हैं।  उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिवादी राजनीति करते हैं।  उन्होंने एनडीए के बिहार नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि रालोसपा को एनडीए में कोई हिस्सेदारी नहीं मिली है।  बिहार में एनडीए का नेतृत्व इस पर ध्यान दे।  श्याम सिंह ने कहा कि रामविलास पासवान कि पार्टी लोजपा को एनडीए में हिस्सेदारी मिली है।  हमें उपेक्षित किया गया।  

यहां उल्लेखनीय है कि उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर पार्टी तोडने का आरोप लगा चुके हैं।  अब रालोसपा के विधायकों ने ही कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  रालोसपा के दोनों विधायकों ने पहले भी एनडीए में ही बने रहने के संकेत दिए थे।  

वे 27 नवंबर को भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में शामिल भी हुए थे।  इससे पहले 10 नवंबर को इन्ही दोनों विधायकों ने जदयू में जाने का संकेत दिया था।  हालांकि एकमात्र सांसद रामकुमार शर्मा ने फिलहाल कुशवाहा के साथ रहने का संकेत दिया है, लेकिन एक दिसंबर को रालोसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा ने भी कहा था कि कुशवाहा को एनडीए ने बहुत इज्जत दी है और उन्हें एनडीए में ही रहना चाहिए।  

यहां बता दें कि 06 दिसंबर को मोतिहारी के खुले अधिवेशन में जिस तरह से उनकी पार्टी के सांसद रामकुमार शर्मा, दोनों विधायक, सुधांशु शेखर और ललन पासवान और रालोसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा की गैरमौजदूगी रही उस वक्त से ही ये टूट अवश्यंभावी लग रही थी। 

Web Title: Upendra Kushwaha party RLSP divided into two, after he left NDA

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