उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को पटकनी देने की बनाई रणनीति, जदयू की पिच पर ही नीतीश को करेंगे क्लीन बोल्ड
By एस पी सिन्हा | Published: January 28, 2023 07:13 PM2023-01-28T19:13:20+5:302023-01-28T19:19:26+5:30
उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी ऐलान कर दिया है कि जगदेव बाबू की जयंती जदयू की जगह दूसरे बैनर तले पूरे बिहार में एकसाथ मनाएंगे। समता परिषद के बैनर तले उपेंद्र कुशवाहा अपने समाज के लोगो को एकजुट करने के लिए बिहार भर में जगदेव बाबू की जयंती मनाने की तैयारी में जुटे हैं।

उपेन्द्र कुशवाहा रालोसपा का पहले ही विलय जदयू में कर चुके हैं
पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा लगातार की जा रही बयानबाजी ने जदयू को सकते में डाल दिया है। एकतरफ कुशवाहा का तीखा हमला तो दूसरी ओर भाजपा का खुले निमंत्रण ने सियासत को गर्मा दिया है। जदयू की तरफ से नीतीश कुमार और ललन सिंह के ऐलान ने यह तो तय कर दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा जल्द दूसरा रास्ता पकड़ने वाले हैं। चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा भाजपा के साथ जा सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि उपेंद्र कुशवाहा का भाजपा के साथ कैसा गठबंधन होगा?
उल्लेखनीय है कि उपेन्द्र कुशवाहा रालोसपा का पहले ही विलय जदयू में कर चुके हैं, ऐसे में क्या वह रालोसपा संगठन को फिर से खड़ा करेंगे या फिर नया कोई गठजोड़ बनाकर भाजपा के साथ जाएंगे? सियासत के जानकारों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा जदयू के भीतर नाराज चेहरों की तलाश कर रहे हैं। साथ ही नाराज होकर बाहर गए लोगो को साथ लेकर नया गठजोड़ खड़ा करने की तैयारी में हैं।
इसबीच जदयू में चल रहे घमसान के बीच चर्चा यह है कि आखिर उपेंद्र कुशवाहा जब कह रहे हैं कि पार्टी नही छोडूंगा फिर आखिर क्या करने वाले हैं? उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी ऐलान कर दिया है कि जगदेव बाबू की जयंती जदयू की जगह दूसरे बैनर तले पूरे बिहार में एकसाथ मनाएंगे। समता परिषद के बैनर तले उपेंद्र कुशवाहा अपने समाज के लोगो को एकजुट करने के लिए बिहार भर में जगदेव बाबू की जयंती मनाने की तैयारी में जुटे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि पार्टी मुझे जयंती मनाने से रोकना चाहती है और इसे पार्टी के विरुद्ध बता रही है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पटना में महाराणा प्रताप की जयंती भी दूसरे बैनर तले किया गया जिसमें नीतीश कुमार गए फिर मुझे क्यों रोका जा रहा है? इस बीच यह भी चर्चा है कि जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह उपेन्द्न कुशवाहा के सबसे बड़े सहयोगी बन सकते हैं। आरसीपी और उपेंद्र कुशवाहा दोनों एकसाथ नए गठजोड़ के साथ भाजपा के साथ जुड़ने की संभावना बताई जा रही है। जानकारों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा चाहते हैं कि उससे पहले सभी समर्थकों को एकजुट किया जाए और इसी लिए जगदेव बाबू जयंती के रूप में बड़ा कार्यक्रम जदयू से अलग करने वाले हैं। इस तरह से उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश कुमार की पिच पर ही उनको क्लिन बोल्ड करने की रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं।