उपेन्द्र कुशवाहा की नैया फंसी बीच मंझधार में, टिकी हैं सबकी निगाहें

By एस पी सिन्हा | Published: April 27, 2019 04:48 AM2019-04-27T04:48:46+5:302019-04-27T04:48:46+5:30

उपेंद्र कुशवाहा जिन दो सीटों पर चुनाव लड रहे हैं उसमें एक सीट है काराकट और दूसरी उजियारपुर। चौथे चरण में उजियारपुर लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को मतदान है।

upender kushwah in Lok Sabha Elections 2019 | उपेन्द्र कुशवाहा की नैया फंसी बीच मंझधार में, टिकी हैं सबकी निगाहें

उपेन्द्र कुशवाहा की नैया फंसी बीच मंझधार में, टिकी हैं सबकी निगाहें

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में चुनावी नैया पार कर केन्द्र में मंत्री बने उपेन्द्र कुशवाहा की नैया इसबार बीच मंझधार में फंसी नजर आ रही है। इसबार उन्हें महागठबंधन के खेवैया के सहारे किनारा पकडने की उम्मीद है। उपेंद्र कुशवाहा इस बार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए हैं। उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) बिहार में कुल पांच सीटों पर चुनाव लड रही है। उपेंद्र कुशवाहा खुद दो सीटों पर इस बार चुनाव लड रहे हैं। ऐसे में सबकी निगाहें उपेंद्र कुशवाहा पर टिकी हुई हैं। 

उपेंद्र कुशवाहा जिन दो सीटों पर चुनाव लड रहे हैं उसमें एक सीट है काराकट और दूसरी उजियारपुर। चौथे चरण में उजियारपुर लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को मतदान है। कुशवाहा पिछला चुनाव काराकट से जीते थे। इस बार उजियारपुर सीट पर उपेंद्र कुशवाहा का मुकाबला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय से है। उजियारपुर से 2014 में भाजपा के नित्यानंद राय ने राजद के आलोक कुमार मेहता को 60 हजार वोटों से हराया था। जबकि जदयू की अश्वमेघ देवी तीसरे स्थान पर रही थीं। वहीं, दो सीटों से चुनाव लडने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि कार्यकर्ताओं के दबाव और लोगों की भावना को देखते हुए उन्हें दो लोकसभा सीटों से चुनाव लडने का फैसला करना पडा है। एनडीए का साथ छोडने पर उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि 2014 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी ने पिछडे तबकों के विकास का वादा किया था, बिहार के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा की थी। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और मैं भी मंत्री बना। जो उम्मीद थी उस पर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर खरे नहीं उतरे। बिहार के लिए कुछ नहीं किया गया।

वैसे, उपेंद्र कुशवाहा के लिए यह चुनाव कई मायनों में खास है। एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने के बाद उन्हें अपनी ताकत का अहसास कराना होगा। उपेंद्र कुशवाहा यदि चुनाव जीतने में कामयाब होते हैं तो आने वाले बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनका दखल बढ जाएगा। उपेंद्र कुशवाहा के लिए यहां सिर्फ एक सीट या लोकसभा की ही परीक्षा नहीं है, आने वाले समय में बिहार की राजनीति में उनका भविष्य तय करेगा। 

उजियारपुर संसदीय क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें हैं। पातेपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीन नगर और विभूतिपुर। इनमें पातेपुर सीट एसी आरक्षित है। पातेपुर वैशाली जिले में पडता है। उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीन नगर और विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर जिले में पडते हैं। उपेन्द्र कुशवाहा भी पातेपुर क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उपेन्द्र कुशवाहा की किस्मत का फैसला जनता क्या देती है।

Web Title: upender kushwah in Lok Sabha Elections 2019