यूपीः आयुष्मान योजना में 10 करोड़ का घोटाला?, 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से हड़पे रुपए
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 10, 2025 16:49 IST2025-06-10T16:47:55+5:302025-06-10T16:49:29+5:30
UP: यूपी में अब तक 5,28,74,577 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए. हर साल आयुष्मान योजना पर 3000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

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लखनऊःउत्तर प्रदेश में लोगों के इलाज के लिए शुरू की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना पर भी घोटालेबाजों की नजर जम गई है. एक तरह योगी सरकार इन योजनाओं में मनमानी बिलिंग कराकर धनराशि ना हड़प सके इसके लिए सभी बिलों की सघन जांच कराने में जुटी हैं. वही दूसरी तरफ सूबे के 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से करीब दस करोड़ रुपए ((9.94 करोड़) हड़प लिए गए हैं. यह धोखाधड़ी स्टेट एजेंसी साचीज के सीईओ, मैनेजर और लेखाधिकारी की ईमेल का दुरुपयोग करके की गई है.
इस मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई गई है. पुलिस इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के अनुसार, आईटी विशेषज्ञों की मदद से इस कारनामे को अंजाम देने वालों को जल्दी ही पकड़ा जाएगा. फिलहाल आयुष्मान योजना से संबंध प्रदेश में 5,872 से अधिक अस्पतालों के रिकॉर्ड को चेक कर यह पता लगा जा रहा है कि इस तरह ही धांधली उनके अस्पताल में तो नहीं हुई है.
इसी व्यवस्था में लगाई गई सेंध
सूबे के 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से हड़प रुपयों को लेकर साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा का कहना है कि इस तरह का घोटाला राज्य में पहली बार हुआ है. उनके मुताबिक राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख तक का निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 5,872 से अधिक चिकित्सालयों में इस योजना के तहत सूचीबद्ध हैं. जिनमें 2,923 निजी अस्पताल शामिल हैं.
इन सूचीबद्ध चिकित्सालयों में इलाज कराने वाले कार्डधारक के बिल का भुगतान साचीज एजेंसी की ओर से आयुष्मान योजना के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण पोर्टल की मदद से ऑनलाइन किया जाता है. कार्ड धारकों के आवेदन पर अस्पताल पोर्टल पर खर्च का ब्योरा अपलोड करते हैं.
फिर साचीज एजेंसी की जांच के बाद बिल के भुगतान की ऑनलाइन संस्तुति की जाती है और बिल का भुगतान अस्पताल को हो जाता है. अर्चना वर्मा का कहना है कि इस व्यवस्था में सेंध लगाकर करीब दस करोड़ रुपए हड़पे गए हैं.
ऐसे पकड़ा में आई धोखाधड़ी
यह कैसे हुआ है, इसके बारे में साचीज के डल अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को सौंपी गई रिपोर्ट में लिखा है कि एजेंसी के सीईओ, मैनेजर और लेखाधिकारी की ईमेल आईडी का दुरुपयोग कर ऐसा किया गया है. वह बताते हैं कि आयुष्मान कार्ड धारकों के अस्पताल में कराए गए इलाज के बिल का साचीज की ओर से ऑडिट लॉग इन से किया जाता है.
इसके बाद लेखाधिकारी और फिर सीईओ इसे आगे बढ़ाते हैं. इस कार्यवाही के बाद ही बैंक की ओर से अस्पतालों को ऑनलाइन भुगतान किया जाता है. जिन 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से करीब दस करोड़ रुपए हड़प लिए गए हैं उनके बारे में एजेंसी की जांच में यह पता चला है कि साचीज के किसी भी अधिकारी की ओर से संबंधित अस्पतालों को भुगतान नहीं किया गया है.
फर्जी तरीके से एजेंसी के सीईओ, वित्त प्रबंधक और लेखाधिकारी की लॉग इन आईडी से फर्जीवाड़ा किया गया है. यह फर्जीवाड़ा इसी 01 मई से 22 मई के बीच किया गया. सभी भुगतान अफसरों की आईडी से देर रात को किए गए और कुछ चुनिंदा अस्पतालों को ज्यादा भुगतान किया गया.
जिसे लेकर एजेंसी के अफसरों को शक हुआ तो गोपनीय जांच के दौरान यह घोखाधड़ी का पता चला. फिलहाल पुलिस एजेंसी के अधिकारियों से पूछताछ कर दोषियों का पता लगाने में जुटी है. पुलिस का दावा है कि जल्दी ही धोखाधड़ी करने वालों को पकड़ा जाएगा.
यूपी में पांच हजार से ज्यादा अस्पताल सूचीबद्ध
साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 5,872 से अधिक चिकित्सालय योजना में सूचीबद्ध हैं जिनमें 2,923 निजी अस्पताल शामिल हैं. ये सूचीबद्ध चिकित्सालय कई सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं, जिनके माध्यम से लाभार्थियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं.
प्रदेश में अब तक 5,28,74,577 पात्र लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जो इस योजना की व्यापक पहुंच और प्रभावशीलता को दर्शाते हैं. आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक इलाज मुफ्त मिलता है. प्रदेश में हर साल इस योजना पर 3000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं.