UP: निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार कर सड़क पर उतरे बिजली कर्मी, कई क्षेत्र में बत्ती गुल
By अनुराग आनंद | Published: October 6, 2020 05:36 PM2020-10-06T17:36:50+5:302020-10-06T17:36:50+5:30
UPPCL के मैनेजमेंट ने संघर्ष समिति के नेताओं से बात करके उन्हें बहिष्कार वापस लेने को कहा। लेकिन मैनेजमेंट ने कर्मचारियों का प्रपोजल खारिज कर दिया जिसमें वह निजीकरण ना करने की मांग कर रहे थे।
लखनऊ: बीजेपी सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण करने के फैसले के खिलाफ राज्य भर के बिजली कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर सड़क पर उतर गए हैं। इस वजह से प्रदेश में हर जगह बिजली-पानी की समस्या हो गई है।
एबीपी की मानें तो बिजली गुल होने राज्य भर के व्यापारी इस समस्या से परेशान हैं। प्रयाग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विजय अरोरा व जिलाध्यक्ष मोहम्मद कादिर ने बिजली सप्लाई बहाल कराने के लिए एडीएम अशोक कनौजिया से मुलाकात की।
बता दें कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सोमवार से बिजली कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है। इसका असर यह है कि शहर में बिजली को लेकर हाहाकार मचा है। शहर में बिजली सप्लाई कटने से सभी प्रमुख बाजारों में सन्नाटा है।
इसे लेकर व्यापारियों में भी आक्रोश उत्पन्न हो गया। वह सोमवार की देर शाम सड़क पर उतर आए और सब स्टेशन का घेराव किया। यही हाल मंगलवार को भी है। शहर में जगह-जगह बिजली को लेकर विरोध हो रहा है। ऐसे में लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में व्यापारी भी परेशान हैं।
इस हड़ताल में जूनियर इंजीनियर, उप-विभागीय अधिकारी, कार्यकारी इंजीनियर (Executive Engineer) और अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineer) शामिल हैं।
UPPCL के मैनेजमेंट ने संघर्ष समिति के नेताओं से बात करके उन्हें बहिष्कार वापस लेने को कहा। लेकिन मैनेजमेंट ने कर्मचारियों का प्रपोजल खारिज कर दिया जिसमें वह निजीकरण ना करने की मांग कर रहे थे।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) के चेयरमैन शैलेंद्र दूबे ने कहा, "मैनेजमेंट ने जब हमारी मांगें नहीं मानी तो हमने सभी वर्कर्स को पूरी तरह काम बंद करने को कहा।" उनका आरोप है कि मैनेजमेंट सरकार को गुमराह कर रही है। संघर्ष समिति के लोगों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले में दखल देने को कहा है।