UP Lok Sabha Elections 2024: मतदान करने में सहारनपुर अव्वल और मथुरा रहा फिसड्डी, हेमा मालिनी भी मथुरा में मतदान प्रतिशत को बढ़ा पाने में रही असफल
By राजेंद्र कुमार | Published: June 2, 2024 06:10 PM2024-06-02T18:10:36+5:302024-06-02T18:10:52+5:30
संसदीय सीट वार मतदान प्रतिशत की बात करे तो पहले चरण की सहारनपुर सीट पर सबसे अधिक 66.14 प्रतिशत वोट पड़े जबकि दूसरे चरण की माथुर संसदीय सीट पर सबसे कम 49.41 फीसदी वोट डाले गए।
लखनऊ: भीषण गर्मी के दौरान सात चरणों में हुआ मतदान पूरा हो गया। गत 16 मार्च से पहली जून तक करीब 75 दिनों तक चली चुनावी प्रक्रिया के दौरान हर दल ने मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए बड़े बड़े दावे किया। जनता से बढ़ चढ़ कर मतदान करने की अपील की। चुनाव आयोग ने भी मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक करने से लेकर स्कूल-कालेजों में गोष्ठी की। फिल्म अभिनेताओं को ब्रांड एम्बेसडर बनाया लेकिन उत्तर प्रदेश (यूपी) के मतदाताओं ने मतदान करने में उत्साह नहीं दिखाया।
परिणाम स्वरूप यूपी में बीते लोकसभा चुनावों के मुक़ाबले इस बार कम मतदान हुआ। 20 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में पश्चिमी यूपी की आठ सीटों पर 61.11 प्रतिशत वोट पड़े। परंतु उसके बाद फिर किसी चरण में मतदान का प्रतिशत कुल प्रतिशत 60 फीसदी के आंकड़े को छू नहीं पाया। यहीं नहीं सात चरणों के चुनाव में सबसे कम छठे चरण में 54.04 फीसदी वोट पड़े। संसदीय सीट वार मतदान प्रतिशत की बात करे तो पहले चरण की सहारनपुर सीट पर सबसे अधिक 66.14 प्रतिशत वोट पड़े जबकि दूसरे चरण की माथुर संसदीय सीट पर सबसे कम 49.41 फीसदी वोट डाले गए।
कम मतदान वजह गर्मी
मथुरा सीट से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी लगातार तीसरी बार संसद में पहुंचे के लिए चुनाव मैदान में हैं। कहा जा रहा है ड्रीम गर्ल के नाम से विख्यात हेमा मालिनी भी मथुरा के वोटरों में बढ़ चढ़ कर मतदान करने के लिए जोश नहीं जगा सकी। करीब 19,29,549 मतदाताओं वाली मथुरा सीट पर कांग्रेस ने हेमा मालिनी के खिलाफ मुकेश धनगर और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सुरेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने हेमा मालिनी को जीतने के लिए मथुरा के लोगों से अपील की थी। इसके बाद भी इस शहर के लोगों में मतदान करने के लिए कोई उत्साह नहीं दिखाया, जबकि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान मथुरा के लोगों उत्साह से साथ वोट डालने के लिए निकले थी और 61.07 वोटिंग हुई थी।
फिलहाल इस बार वोटिंग करने के मामले में यूपी का यह धार्मिक शहर फिसड्डी साबित हुआ है, जबकि यूपी की पहली संसदीय सीट सहारनपुर वोट देने के मामले में भी अव्वल रही हैं। यानि इस शहर के मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग खुलकर किया। सहारनपुर सीट से भाजपा ने फिर से राघव लखन पाल को चुनाव मैदान में उतारा है।
राघव वर्ष 2014 में इस सीट से चुनाव जीते थे। कांग्रेस ने इमरान मसूद और बहुजन समान पार्टी (बसपा) ने माजिद अली को चुनाव में खड़ा किया। करीब 18.44 लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर इस बार 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ, जो बीते लोकसभा चुनाव में हुए 70.83 प्रतिशत मतदान से कम है। इसके बाद भी यूपी की अन्य संसदीय सीटों पर हुए मतदान से इस बार सहारनपुर के लोग मतदान करने में अव्वल रहे हैं।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी रवदीप रिनवा मतदान का प्रतिशत ना बढ़ पाने की वजह गर्मी को बता रहे हैं। उनका कहना है कि गर्मी की वजह से ही इस बार तमाम प्रयासों के बाद भी लोग मतदान करने के लिए नहीं निकले हैं। उनके इस तर्क से राजनीतिक लोग सहमत नहीं हैं, उनका कहना है अन्य राज्यों में भी गर्मी का असर हुआ है, लेकिन वहां रिकार्ड मतदान भी हुआ है।