यूपी चुनावः दलबदलू नेता से जनाधार नहीं बढ़ेगा, बसपा प्रमुख मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर किया हमला, इलेक्शन पर पाला बदलते रहते हैं...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 7, 2021 04:15 PM2021-11-07T16:15:09+5:302021-11-07T16:16:32+5:30
UP elections 2022: बीएसपी और अन्य विरोधी पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किये जाने से इस पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है।
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और उत्तरप्रदेश विधानसभा में बसपा विधायक दल के पूर्व नेता लालजी वर्मा के रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने के घंटे भर के भीतर ही त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने दावा किया कि उनकी पार्टी से निष्कासित किये गये लोगों को शामिल करले से सपा का जनाधार नहीं बढ़ेगा।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ट्वीट किया ''बसपा व अन्य विरोधी पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किये जाने से इस पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है बल्कि इससे यह और भी घटता व कमजोर होता चला जाएगा।''
1. बी.एस.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किये जाने से इस पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है बल्कि इससे यह और भी घटता व कमजोर होता हुआ ही चला जाएगा। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
मायावती ने कहा, '' सपा को यह मालूम होना चाहिये कि ऐसे स्वार्थी व दलबदलू किस्म के लोगों को लेने से, इनकी खुद की अपनी पार्टी में टिकटार्थी लोग अब बहुत गुस्से में हैं, जो अधिकांश बीएसपी (बसपा) के सम्पर्क में हैं। वैसे भी वे चुनाव में अन्दर-अन्दर इस पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाने वाले हैं।''
सिलसिलेवार ट्वीट में उन्होंने कहा कि बसपा के लोग दूसरी पार्टियों के विधायकों व अन्य लोगों के टिकट कटने पर उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिलवाने से ज़रूर परहेज़ करें तथा उनके स्थान पर अपनी पार्टी के लोगों को ही टिकट देने पर ज्यादा जोर दें।
3. लेकिन बी.एस.पी. के लोग ऐसे में दूसरी पार्टियों के विधायकों व अन्य लोगों के टिकट कटने पर उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिलवाने से ज़रूर परहेज़ करें तथा उनके स्थान पर अपनी पार्टी के लोगों को ही टिकट देने पर ज्यादा ज़ोर दें तो यह उचित होगा। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
गौरतलब है कि बसपा के पूर्व नेता राम अचल राजभर और लालजी वर्मा ने रविवार को अंबेडकर नगर में आयोजित ‘जनादेश महारैली’ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ग्रहण की। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के बाद मायावती ने दोनों नेताओं पर भितरघात का आरोप लगाते हुए दल से बाहर कर दिया था।
कृषि कानूनों को वापस लेकर केंद्र सरकार किसानों को तोहफा दे तो बेहतर होगा : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्पाद कर घटाये जाने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे, तो बेहतर होगा।
बसपा प्रमुख ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘भाजपा का नारा है, ‘सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास’। लेकिन लोग इस नारे को जुमला न मानकर इस पर कैसे विश्वास करें, जब देश के किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर लम्बे समय से तीव्र आन्दोलित एवं आक्रोशित भी हैं।’’ मायावती ने एक और ट्वीट कर कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है।
2. केन्द्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है। उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा।
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा।’’ गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दीपावली की पूर्व संध्या को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये की कटौती की।