UP Election 2022: कांग्रेस को दोहरा झटका, बरेली के बाद स्वार सीट से घोषित प्रत्याशी ने छोड़ दी पार्टी, सपा सांसद आजम के पुत्र अब्दुल्ला को देंगे चुनौती हैदर अली खान!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 23, 2022 03:46 PM2022-01-23T15:46:30+5:302022-01-23T15:47:39+5:30
UP Election 2022 Suar Assembly Seat: अपना दल (सोनेलाल) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पटेल ने रविवार को हैदर अली खान के स्वार विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का प्रत्याशी बनाये जाने की जानकारी दी।
UP Election 2022 Suar Assembly Seat: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने रविवार को रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट से हैदर अली खान को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है।
अपना दल (सोनेलाल) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पटेल ने रविवार को हैदर अली खान के स्वार विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का प्रत्याशी बनाये जाने की जानकारी दी। पटेल ने कहा कि खान ने कांग्रेस छोड़कर बीते दिनों अपना दल (एस) के नेतृत्व से प्रभावित होकर दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। कांग्रेस ने खान को स्वार से अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था।
नवाब परिवार से संबंध रखने वाली रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के पौत्र हैदर अली दूसरे उम्मीदवार हैं, जो कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद टिकट ठुकराकर अन्य दल के उम्मीदवार बने हैं। हैदर अली खान को कांग्रेस ने 13 जनवरी को अपनी पहली सूची में स्वार से उम्मीदवार बनाया था। उसी सूची में बेगम नूर बानो के पुत्र काजिम अली खान को रामपुर से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया गया।
इसके पहले, बरेली की छावनी सीट से विधानसभा की कांग्रेस प्रत्याशी घोषित सुप्रिया ऐरन ने शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम लिया। बरेली की पूर्व महापौर सुप्रिया ऐरन के सपा में शामिल होते ही पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें बरेली छावनी से पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया।
सुप्रिया के साथ उनके पति और बरेली से पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन भी सपा में शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि 2017 में स्वार विधानसभा क्षेत्र से अब्दुल्ला आजम खान सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। रामपुर के सपा सांसद आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान की पिछले दिनों करीब दो वर्ष बाद सीतापुर जेल से रिहाई हुई और वह फिर से सपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अब्दुल्ला आजम खान को चुनावी हलफनामे में विसंगति के कारण दिसंबर 2019 में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था। रामपुर जिले में नवाब परिवार और आजम खान के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा है।