यूपी चुनावः बसपा प्रमुख मायावती को बड़ा झटका, सपा में शामिल होंगे लालजी वर्मा और रामअचल राजभर, 2007 से 2012 तक रह चुके हैं मंत्री
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 25, 2021 04:06 PM2021-10-25T16:06:27+5:302021-10-25T16:10:51+5:30
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा के कुशासन से त्रस्त हो चुकी है और प्रदेश में सपा ही उसका एकमात्र विकल्प है।
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व नेता लालजी वर्मा और रामअचल राजभर ने अंबेडकरनगर में आगामी सात नवंबर को आयोजित होने जा रही रैली के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने का ऐलान किया है।
वर्मा और राजभर को बसपा मुखिया मायावती ने पिछली तीन जून को पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में दल से निष्कासित कर दिया था। वर्मा ने सपा राज्य मुख्यालय पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में बातचीत में कहा, “हम यहां आगामी सात नवंबर को अंबेडकरनगर में आयोजित होने जा रही सत्ता परिवर्तन जनादेश रैली में सपा अध्यक्ष को न्योता देने आए हैं। इस रैली में हम अपने समर्थकों के साथ औपचारिक रूप से सपा में शामिल होंगे।”
लालजी वर्मा अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से तथा राम अचल राजभर अकबरपुर सीट से विधायक हैं। इन दोनों ही नेताओं को कभी बसपा प्रमुख मायावती का बेहद करीबी माना जाता था। राजभर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष थे और वर्मा राज्य विधानसभा में बसपा विधायक दल के नेता थे। यह दोनों ही वर्ष 2007 से 2012 तक रही बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।
वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, “मैं पिछले 25 वर्षों तक और राम अचल राजभर 35 वर्षों तक बसपा में रहे। हम दोनों ही बसपा के समर्पित कार्यकर्ता थे लेकिन हमें तीन जून को पार्टी से निकाल दिया गया। उस वक्त मैं कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहा था और पूरी तरह ठीक नहीं हो पाया था।”
वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा के कुशासन से त्रस्त हो चुकी है और प्रदेश में सपा ही उसका एकमात्र विकल्प है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मौके पर वर्मा और राजभर का स्वागत करते हुए कहा कि सपा का कारवां रोजाना बढ़ रहा है।