उत्तर प्रदेश: औरेया एसडीएम कोर्ट में कुरान पाठ करने के चलते क्लर्क हुआ निलंबित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 4, 2019 08:47 AM2019-12-04T08:47:38+5:302019-12-04T08:54:34+5:30
सोमवार को उत्तर प्रदेश में लईक अहमद (51) नाम के व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने निलंबित कर दिया था। लईक को निलंबित करने के पीछे यह तर्क दिया गया कि प्राथमिक जांच के बाद उन्हें बिना अनुमति तहसील परिसर में कुरान पाठ के आयोजन के लिए दोषी पाया गया था।
यूपी के औरैया जिले में एक सरकारी क्लर्क लईक अहमद को एक निर्माणाधीन तहसील भवन में कुरान पाठ पढ़ने के जुर्म में निलंबित कर दिया गया। दरअसल, सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कोर्ट के अंदर कुरान पाठ पढ़ते हुए नजीर नाम के एक व्यक्ति की वीडियो वायरल हो रहा था जिसे देखने के बाद अधिकारी ने प्रारंभिक जांच में सरकारी दफ्तर के अंदर कुरान पाठ पढ़ने के आयोजन के लिए लईक को दोषी पाया था और उसे निलंबित कर दिया गया।
बता दें कि लईक अहमद (51) को सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने निलंबित कर दिया था, क्योंकि प्रारंभिक जांच में उन्हें किसी की अनुमति के बिना तहसील परिसर के अंदर कुरआनखानी के आयोजन के लिए जिम्मेदार पाया गया था।
जिला मजिस्ट्रेट से जब इस संबंध में संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अहमद को धार्मिक समारोह आयोजित करने के लिए निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ कार्रवाई की गई क्योंकि वह अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
हालांकि, एडीएम (न्यायिक) एम पी सिंह, जिन्होंने अहमद को निलंबित किया था, उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर और नाज़िर के बयान के आधार पर एसडीएम कोर्ट के अंदर बिना अनुमती कुरान पढ़ने के आयोजन को आयोजित करने के जुर्म में उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
उन्होंने इसके अलावा कहा, “कल, मैं तहसील गया था और वहाँ के लोगों से पूछताछ की। मैंने पाया कि लईक ने एक मस्जिद से मौलवियों को बुलाकर एसडीएम कोर्ट के अंदर कुरआनखानी का आयोजन किया। कोई सरकारी भवन में ऐसा नहीं कर सकता, यही वजह है कि जांच के बाद मैंने डीएम को पत्र लिखकर अहमद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मैंने उनके निलंबन की सिफारिश की थी।"
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, तहसीलदार संध्या शर्मा ने कहा कि नए तहसील भवन के सामने एक कब्रिस्तान होने के कारण नकारात्मक ऊर्जा की शिकायत की गई है। तहसीलदार ने बताया कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उस जगह को तथाकथित नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा दिला सके।
वहीं, आरोपी अहमद ने कहा कि उसने अदालत में किसी को भी जानकारी देने या पढ़ने के लिए नहीं कहा है।
दूसरी ओर, जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि अहमद के खिलाफ कार्रवाई उनके कार्य में अनियमितता के कारण की गई। उनके (अहमद) काम में कई अनियमितताएँ पाई गईं थी।