UP bypolls Analysis: बीएसपी को हुआ दोहरा नुकसान, 11 में से एक भी सीट नहीं जीत पाई, नौ सीटों पर गिरा वोट शेयर

By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 30, 2019 12:09 PM2019-10-30T12:09:24+5:302019-10-30T12:25:16+5:30

UP bypolls 2019 Analysis: उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बीएसपी एक भी सीट नहीं जीत पाई और वोट शेयर में भी गिरावट आई

UP bypolls 2019 Analysis: Double setback for BSP, win zero seats, drop in vote share at nine seats | UP bypolls Analysis: बीएसपी को हुआ दोहरा नुकसान, 11 में से एक भी सीट नहीं जीत पाई, नौ सीटों पर गिरा वोट शेयर

यूपी विधानसभा उपचुनावों में बहुजन समाज पार्टी को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

Highlightsयूपी की 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में बसपा को घाटा, सपा को हुआ फायदाइन 11 सीटों में से बीजेपी ने 7 सीटें, सपा ने 3 और एक सीट अपना दल ने जीती

उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 सीटों के लिए हाल ही में हुए  उपचुनावों में सबसे ज्यादा फायदा समाजवादी पार्टी को हुआ, जिसने तीन सीटों पर कब्जा जमाया। लेकिन इन चुनावों में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को इन चुनावों में काफी नुकसान हुआ

बीएसपी न सिर्फ अपनी जलालपुर सीट गंवाते हुए एक भी सीट जीतने में नाकाम रही बल्कि 2017 विधानसभा चुनावों के मुकाबले इन चुनावों में 11 में से 9 सीटों पर वोट शेयर में भी गिरावट आई।   

बीएसपी के वोट शेयर में नौ सीटों पर आई गिरावट

बीएसपी के वोट शेयरों में केवल मानिकपुर और इगलास में बढ़ोतरी देखने को मिली, तो वहीं समाजावार्दी ने पांच सीटों पर अपने वोट शेयर में बढ़ोतरी दर्ज करते हुए तीन सीटों पर जीत हासिल की। 

वहीं बीजेपी ने इन 11 में से 7 सीटें जीती और एक सीट उसके सहयोगी अपना दल ने जीती। बीजेपी ने हालांकि जैदपुर सीट सपा के हाथों गंवाई, लेकिन उसके लिए राहत की बात ये रही कि उसने इन चुनावों में कम से कम आठ सीटों पर 2017 के चुनावों का वोट शेयर बरकरार रखा।  

बसपा को उपचुनावों में हुआ तगड़ा नुकसान

ये चुनाव नतीजे बीएसपी के लिए करारा झटका हैं, क्योंकि 2022 विधानसभा चुनावों में सपा और बसपा दोनों ही सत्तारूढ़ बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनने की रेस में शामिल हैं। इन दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनावों से पहले गठबंधन किया था, जो चुनावों के बाद टूट गया था। 

सबसे बड़ा बदलाव जैदपुर (अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट) में दिखा, जिसे सपा ने बीजेपी से छीन लिया। सपा के गौरव कुमार ने इस सीट से बीजेपी के अम्बरीश को 4165 वोटों के करीबी अंतर से हराया, लेकिन सपा के वोट शेयर में जबर्दस्त उछाल आया और ये 2017 के 1.73 फीसदी से बढ़कर 35.28 फीसदी तक पहुंच गया। बीएसपी को यहां 2017 के 18.99 फीसदी के मुकाबले 8.21 फीसदी वोट मिले और चौथे स्थान पर खिसक गई। बीजेपी ने 2017 में ये सीट 43.84 फीसदी वोट हासिल करते हुए जीती थी, लेकिन इस बार उसे 33.4 फीसदी वोट ही मिले।

<a href='https://www.lokmatnews.in/topics/mayawati/'>मायावती</a> की बहुजन समाज पार्टी को यूपी उपचुनावों में हुआ तगड़ा नुकसान
मायावती की बहुजन समाज पार्टी को यूपी उपचुनावों में हुआ तगड़ा नुकसान

रामपुर में सपा जीती, पर बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा

वहीं रामपुर की हाई प्रोफाइल सीट पर, जहां मुस्लिमों ने निर्णायक भूमिका निभाई, पर सपा ने 2017 के 47.74 फीसदी के मुकाबले 49.13 फीसदी वोट हासिल करते हुए अपन कब्जा बरकरार रखा। यहां भी बसपा के वोट में बड़ी गिरावट आई और ये 2017 के 25.36 फीसदी के मुकाबले 2.14 फीसदी रह गई।  

हालांकि बीजेपी रामपुर में अपना अपनी हार का सिलसिला खत्म करने में असफल रही, लेकिन उसका वोट शेयर 25.84 फीसदी से बढ़कर 44.34 फीसदी हो गया। बीएसपी ने भी यहां से मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था, लेकिन परिणामों से साफ हो गया कि मुस्लिम मतदाता अब कांग्रेस और बीएसपी के बजाय सपा पर भरोसा कर रहे हैं। साथ ही बीएसपी का पारंपरिक दलित वोट भी बीजेपी की तरफ खिसक गया।

वहीं गंगोह, जहां मुस्लिम और दलित निर्णायक भूमिका में थे, बीएसपी का वोट शेयर 2017 के 17.44 फीसदी से घटकर 14.37 फीसदी रह गया। यहां सपा का वोट शेयर 18.42 फीसदी से बढ़कर 25.55 फीसदी हो गया, तो वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 23.95 फीसदी से बढकर 28 फीसदी हो गया। इस सीट को जीतने वाली बीजेपी के वोट शेयर में करीब 8 फीसदी की गिरावट आई और ये 38.78 फीसदी से घटकर 30.41 फीसदी रह गया।

वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित एक और सीट बाल्हा में भी बीएसपी का वोट शेयर 28.91 फीसदी से गिरकर 17 फीसदी रह गया। वहीं दूसरी ओर सपा का वोट शेयर 14.57 से बढ़कर 23.27 फीसदी हो गया। बीजेपी ये सीट बचाने में सफल रही, लेकिन उसके वोट शेयर में गिरावट आई। 

वहीं मुस्लिम और ओबीसी बहुलता वाली घोसी सीट पर भी बीएसपी का वोट शेयर 33.87 फीसदी से घटकर 23 फीसदी रह गया। 

वहीं मुस्लिम और ब्राह्मण बहुलता वाली जलालपुर सीट को बीएसपी ने सपा को हाथों 760 वोट के मामूली अंतर से गंवा दिया। बीएसपी का वोट शेयर भी यहां 37.75 फीसदी से गिरकर 31.25 फीसदी रहा, जबकि विजेता सपा का वोट शेयर 24.56 फीसदी से बढ़कर 31.6 फीसदी हो गया।

रामपुर में हार के बावजूद बढ़ा बीजेपी का वोट शेयर
रामपुर में हार के बावजूद बढ़ा बीजेपी का वोट शेयर

लखनऊ कैंटोनमेंट से भी गिरा बीएसपी का वोट शेयर

यही कहानी लखनऊ कैंटोनमेंट की भी रही, जहां बीजेपी ने लगभग 2017 के बराबर ही करीब 51 फीसदी वोट हासिल करते हुए सीट बरकरार रखी, लेकिन बीएसपी और सपा दोनों के वोट शेयर में गिरावट आई। यहां से बीएसपी का वोट शेयर 13.98 फीसदी से घटकर 9.64 फीसदी हो गया, जबकि सपा का वोट शेयर 2017 के 33 फीसदी के मुकाबले घटकर 19.14 फीसदी रह गया। 2017 विधानसभा चुनावों में इस सीट से सपा ने पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बहू अर्पणा यादव को उतारा था, लेकिन इस बार पार्टी ने यहां से अपेक्षाकृत कमजोर उम्मीदवारा उतारा।

प्रतापगढ़, जहां बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने अपनी सीट बचाए रखी, से भी बीएसपी का वोट शेयर 22.82 फीसदी से गिरकर 12.74 पर आ गया।

यहां पर जीत हासिल करने के बावजूद अपना दल का वोट शेयर भी 44.17 फीसदी से गिरकर 35.49 फीसदी हो गया। 

यहां सपा का वोट शेयर भी गिरा और ये 25.29 फीसदी के मुकाबले 15.57 फीसदी हो गया। वहीं कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के वोट शेयरों में यहां बढ़ोतरी देखने को मिली।

गोविंदनगर सीट बीजेपी ने बचाए रखी, यहां से भी बीएसपी के वोट शेयर में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई और ये 15.65 फीसदी से गिरकर 4.52 फीसदी रह गई।

यूपी उपचुनावों में सपा रही फायदे में, तीन सीटों पर जमाया कब्जा
यूपी उपचुनावों में सपा रही फायदे में, तीन सीटों पर जमाया कब्जा

मानिकपुर, इगलास से ही वोट शेयर बढ़ा पाई बीएसपी

सिर्फ दो सीटों मानिकपुर और इगलास से बीएसपी के वोट शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज कई गई। मानिकपुर सीट बीजेपी ने जीती, लेकिन यहां से बीएसपी अपना वोट शेयर 17 से बढ़ाकर 21.62 फीसदी करने में सफल रही। यहां से कांग्रेस के वोट शेयर में भारी गिरावट आई और ये 21.24 फीसदी से घटकर महज 4.65 फीसदी रह गई। बीएसपी यहां तीसरे नंबर पर रही।

वहीं इगलास (एससी) सीट से बीएसपी का वोट शेयर 2017 के 22.88 फीसदी से बढ़कर 33.96 फीसदी हो गया। वहीं बीजेपी के वोट शेयर में भी यहां से गिरावट आई और ये 55 के मुकाबले 51.67 फीसदी रही, लेकिन वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रही।

बीएसपी ने सपा के साथ गठबंधन तोड़ते हुए इन उपचुनावों में अकेले ही उतरने का फैसला किया था। लेकिन चुनाव नतीजों ने उसे दोबारा अपनी रणनीति पर सोचने को विवश कर दिया है। 

समाजवादी पार्टी के लिए इन चुनावों में अकेले लड़ना फायदेमंद रहा और उसने न सिर्फ जैदपुर सीट बीजेपी से और जलालपुर सीट बीएसपी से छीनी, बल्कि 2017 के 21.81 फीसदी वोटों के मुकाबले इस बार 22.6 फीसदी वोट हासिल किए।  

वहीं बीजेपी इन चुनावों में जैदपुर सीट को छोड़कर अपनी आठ में से 7 सीटें बचाने में सफल रही। उसके लिए सबसे राहत की बात ये रही कि वह करीब आठ सीटों पर 2017 के अपने वोट शेयर (35 फीसदी) को बरकरार रखने में सफल रही।

Web Title: UP bypolls 2019 Analysis: Double setback for BSP, win zero seats, drop in vote share at nine seats

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे