UP: जब रमेश भंडारी ने दिलाई थी जगदंबिका पाल को सीएम पद की शपथ, आमरण अनशन पर बैठ गए थे अटल बिहारी वाजपेयी
By धीरज पाल | Published: November 24, 2019 10:31 AM2019-11-24T10:31:54+5:302019-11-24T10:31:54+5:30
दरअसल, जगदंबिका पाल कल्याण सिंह की ही सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे। लेकिन उन्होंने विपक्षियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद कब्जा कर लिया।
भारत में सियासत का अपना एक इतिहास रहा है। जिस तरह से महाराष्ट्र में महीने भर से चली आ रही सियासी रस्साकसी के बीच रातों रात यहां की तस्वीर बदल कर रख दी है। ठीक उसी प्रकार 1998 में जब जगदंबिका पाल मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी धरने पर बैठ गए थे। और यूपी की राजनीतिक रातों रात बदल गई थी।
जगदंबिका पाल महज 24 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बने थे। 1998 में कल्याण सिंह सरकार की बर्खास्तगी के बाद तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने जगदंबिका पाल को 21 फरवरी की देर रात को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गई थी। कल्याण सिंह ने इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने राज्यपाल के फ़ैसले को असंवैधानिक करार दिया। जगदंबिका पाल एक दिन ही मुख्यमंत्री रह पाए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद कल्याण सिंह फिर से मुख्यमंत्री बने।
दरअसल, जगदंबिका पाल कल्याण सिंह की ही सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे। लेकिन उन्होंने विपक्षियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद कब्जा कर लिया। यह सब देखकर अटल बिहारी वाजपेयी नाराज होकर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। तब केंद्र में यूनाइटेड फ्रंट की सरकार थी और इंद्रकुमार गुजराल देश के प्रधानमंत्री थे।
फिलहाल, महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक की बात करें तो शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया। इसके अलावा विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए तुरंत ‘फ्लोर टेस्ट’ कराने का भी अनुरोध किया है। वहीं, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फड़नवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया है।