उन्नाव की रेप पीड़िता का दिल्ली के अस्पताल में निधन, पिता ने कहा- 'दरिंदों को दौड़ाकर गोली मारी जाए या फांसी हो'
By विनीत कुमार | Published: December 7, 2019 09:24 AM2019-12-07T09:24:08+5:302019-12-07T09:25:52+5:30
इसी हफ्ते गुरुवार को जिंदा जलाए जाने के बाद उसे गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने उसे हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था।
आग के हवाले की गई उन्नाव बलात्कार पीड़िता की देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार शाम में उसकी हालत खराब होने लगी। रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे कार्डियक अरेस्ट आया। उसे बचाने की कोशिश हुई लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद अब शव को उन्नाव लाया जाना है। इस बीच रेप पीड़िता के पिता ने अपने बेटी के गुनहगारों के लिए मौत की सजा की मांग की है।
'दौड़ाकर मारी जाए गोली या दी जाए फांसी'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्नाव रेप पीड़िता के पिता ने कहा उनकी बेटी के गुनहगारों को हैदराबाद जैसा इंसाफ मिलना चाहिए। पिता ने कहा, 'उनकी बेटी के गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की जरूरत नहीं है। हैदराबाद में जो हुआ है, वही सजा मिले या फिर दौड़ाकर गोली मार दी जाए या फांसी दे दी जाए।'
पिता ने पुलिस पर भी आरोप लगाये हुए कहा कि अगर पहले मदद की गई होती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार रेप पीड़िता के पिता ने कहा, 'हम चाहते हैं कि आरोपियों को जल्द से जल्द से फांसी के फंदे से लटकाया जाए। हम नहीं चाहते कि केस बस चलता रहे। पुलिस ने बिल्कुल मदद नहीं की। अगर की होती तो मेरी बेटी आज जिंदा होती।'
यही नहीं, पिता ने साथ ही कहा कि उनके परिवार को लगातार धमकी मिल रही है। पिता ने कहा कि आरोपी उनके परिवार को धमका रहे हैं और जला देने और पूरे परिवार को बर्बाद कर देने की बात कह रहे हैं।
वहीं, उन्नाव रेप पीड़िता के भाई ने कहा, 'मुझे कुछ नहीं कहना है। मेरी बहन अब मेरे साथ नहीं है। मेरी एक मांग बस यही है कि सभी पांचों आरोपियों को मौत मिले और कुछ नहीं।'
बता दें कि इसी हफ्ते गुरुवार को जिंदा जलाए जाने के बाद उसे गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने उसे हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था। उसे लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था।
दरअसल, आरोपियों ने लड़की को तब जला दिया जब वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी। जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे बलात्कार किया था। हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी। पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी। प्रत्यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। बाद में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया।