उन्नाव रेप केसः कुलदीप सेंगर दोषी करार, विधायक की सजा पर 19 दिसंबर को बहस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 16, 2019 03:18 PM2019-12-16T15:18:21+5:302019-12-16T15:26:51+5:30
उन्नाव बलात्कार और अपहरण मामला में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने दोषी करार दिया है। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने एक और आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया। सेंगर की सजा पर 19 दिसंबर को बहस होगी।
उन्नाव गैंगरेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया है। इस मामले पर कोर्ट 19 को फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने चार्जशीट में देरी के लिए सीबीआई को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया। कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं। कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?
उन्नाव बलात्कार और अपहरण मामला में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने दोषी करार दिया है। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने एक और आरोपी शशि सिंह को बरी किया है। सेंगर की सजा पर 19 दिसंबर को बहस होगी।
Arguments on the sentencing to held on 19th December. https://t.co/gMTNMBbOtP
— ANI (@ANI) December 16, 2019
सेंगर ने 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। उस समय युवती नाबालिग थी। उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।
Unnao rape and kidnapping case: Former BJP MLA Kuldeep Singh Sengar has been convicted by Delhi's Tis Hazari court. pic.twitter.com/nTl6O0fMOm
— ANI (@ANI) December 16, 2019
अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। अगर आरोप साबित हुए तो अधिकतम उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती की कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी।
दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे। उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तरप्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए निर्देश दिया कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए।
न्यायालय ने यह व्यवस्था पीड़िता द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए दी थी। बलात्कार मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों से जिरह हुई। बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई।
पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई एंबुलेन्स के जरिये दिल्ली ला कर यहां भर्ती कराया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर युवती और उसके परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है।