उन्नाव दुष्कर्म मामलाः सेंगर पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी, हो सकती है आजीवन कारावास की सजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 16, 2019 05:07 PM2019-12-16T17:07:38+5:302019-12-16T17:07:38+5:30

अदालत ने मुख्य आरोपी सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने हालांकि सह आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत सजा पर बुधवार को दलीलें सुनेगी।

Unnao misdemeanor case: convicted under Sanger Poxo Act, may be sentenced to life imprisonment | उन्नाव दुष्कर्म मामलाः सेंगर पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी, हो सकती है आजीवन कारावास की सजा

सेंगर ने 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था।

Highlightsपॉक्सो अधिनियम के तहत इस आरोप के लिये अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। अदालत सेंगर को बुधवार को सजा सुनाएगी। सेंगर को आईपीसी के तहत दुष्कर्म और पोक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है।

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव में 2017 में नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म का दोषी ठहराया। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने हालांकि मामले में एक अन्य आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया।

अदालत ने मुख्य आरोपी सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने हालांकि सह आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत सजा पर बुधवार को दलीलें सुनेगी। पॉक्सो अधिनियम के तहत इस आरोप के लिये अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। 

अदालत सेंगर को बुधवार को सजा सुनाएगी। सेंगर को आईपीसी के तहत दुष्कर्म और पोक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है। सेंगर ने 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। उस समय युवती नाबालिग थी। उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।

सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती की कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे। उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तर प्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए निर्देश दिया कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए।

न्यायालय ने यह व्यवस्था पीड़िता द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए दी थी। बलात्कार मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों से जिरह हुई। 

बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई । पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई एंबुलेन्स के जरिये दिल्ली ला कर यहां भर्ती कराया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर युवती और उसके परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है। 

Web Title: Unnao misdemeanor case: convicted under Sanger Poxo Act, may be sentenced to life imprisonment

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