अनलॉक : दिल्ली में सम-विषम व्यवस्था के साथ खुले बाजार, मेट्रो सेवा बहाल हुई
By भाषा | Published: June 7, 2021 02:52 PM2021-06-07T14:52:42+5:302021-06-07T14:52:42+5:30
नयी दिल्ली, सात जून कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर से प्रभावित दिल्ली में सोमवार को हालात सामान्य की ओर बढ़ते नजर आए जब करीब दो महीनों के बाद यहां बाजार और मॉल सम-विषम व्यवस्था के साथ फिर से खुले, वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि वे कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी सतर्कता बरतें।
राष्ट्रीय राजधानी की जीवनरेखा मानी जाने वाली दिल्ली मेट्रो की सेवा सोमवार को करीब तीन हफ्ते के अंतराल के बाद बहाल की गई। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो में उसकी सीटों की क्षमता के, 50 फीसदी यात्री ही बैठ सकेंगे तथा खड़े रहकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
शराब के ठेकों समेत सभी दुकानें और मोहल्लों की दुकानें भी खुलने लगी हैं लेकिन सिनेमा, थियेटर, रेस्त्रां (होम डिलिवरी और टेक अवे को छोड़कर), बार, जिम, स्पा, नाई की दुकानें, सैलून, ब्यूटी पार्लर और साप्ताहिक बाजार अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान लोगों से कोविड उपयुक्त व्यवहार करने की सोमवार को अपील की। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘आज से दिल्ली में कई गतिविधियाँ फिर से शुरू हो रही हैं। पर कोरोना वायरस से बचाव के सभी एहतियात पूरी तरह से बरतें - मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और हाथ धोते रहें, बिल्कुल ढिलाई नहीं करनी है। कोरोना संक्रमण से बच कर भी रहना है और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर भी लाना है।’’
बाजारों और मॉल में दुकानें सम-विषम व्यवस्था में अपने क्रम के हिसाब से खुलेंगी। दक्षिण दिल्ली के कृष्णा मार्केट जैसे बाजारों में ज्यादातर दुकानें बंद ही रहीं।
कनॉट प्लेस के दुकानदारों के प्रतिनिधि संगठन ‘नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि कोविड उपयुक्त व्यवहार को कायम रखने के लिए सभी बंदोबस्त किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘खुदरा दुकानों को खोलने के लिए सम-विषम का फॉर्मूला हमारे हित में नहीं है। कनॉट प्लेस में काफी जगह है और ज्यादातर दुकानदारों तथा उनके कर्मचारियों को टीके लग चुके हैं। सरकार को खुदरा क्षेत्र तथा थोक व्यापार के क्षेत्र के लिए अलग-अलग नियम रखने चाहिए।’’
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सम-विषम फॉर्मूला ‘‘विफल’’ साबित हो चुका है और जहां तक दिल्ली में व्यवसाय की बात है तो अलग-अलग बाजारों के लिए भिन्न समय की व्यवस्था ज्यादा बेहतर विकल्प होता, इससे बाजारों में न केवल भीड़भाड़ कम रहती बल्कि दिल्लीवासियों को खरीदारी में भी आसानी होती।
सरकार ने सभी निजी कार्यालयों को सुबह नौ बजे से पांच बजे तक खोलने तथा 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति दी है। केजरीवाल ने घर से काम करने में सक्षम लोगों से ऐसा ही करते रहने का अनुरोध किया है।
पुलिस और जिला प्रशासन के अलग-अलग दल यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजार, मॉल और कॉम्प्लेक्स में कोविड संबंधी किसी नियम का उल्लंघन नहीं हो। ये सभी स्थान सुबह दस बजे से रात आठ बजे तक खुले रहेंगे। पश्चिम दिल्ली जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘अनलॉक की प्रक्रिया सुगमता से हो सके इसलिए हमारे दलों को प्रवर्तन एवं जागरूकता के लिए तैनात किया गया है।’’
लक्ष्मी नगर में इलेक्ट्रॉनिक सामान की एक दुकान के मालिक वरूण ने बताया, ‘‘दुकान कई दिन बंद रही, अब मैं साफ-सफाई कर रहा हूं। बीते दो महीनों में हुए अनुभव से लोग अब भी घबराए हुए हैं। उम्मीद है कि हालात बेहतर होंगे और आने वाले दिनों में ग्राहक भी आने लगेंगे।’’ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुकानदारों को जानकारी दी गई है कि संक्रमण से स्वयं को बचाने के लिए उन्हें कौन से नियमों का पालन करना है।
कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की सेवाएं 20 मई को पूरी तरह से निलंबित कर दी गई थीं। कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर दिल्ली में 19 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था और उसके बाद दिल्ली सरकार इसकी अवधि बढ़ाती गई।
शुरुआत में तो मेट्रो सेवा आंशिक तौर पर जारी रही जिसमें केवल आवश्यक सेवाओं के कर्मियों को ही यात्रा करने की इजाजत थी। लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 10 मई को बंद कर दिया गया। सोमवार को मेट्रो ट्रेन का परिचालन अपने निर्धारित समय सुबह छह बजे से आरंभ हो गया। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने रविवार को कहा था, ‘‘मेट्रो की विभिन्न लाइनों पर केवल आधी ट्रेनों का ही संचालन किया जाएगा और हर पांच से 15 मिनट के अंतराल पर मेट्रो मिला करेगी।’’
दिल्ली सरकार के कार्यालय समूह-ए के अधिकारियों के लिए खुले है तथा यहां निचले दर्जे के 50 फीसदी कर्मचारी आ सकेंगे। आपात सेवाओं के सभी अधिकारी और कर्मी बिना किसी पाबंदी के काम जारी रख सकेंगे।
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