अनोखी शादी : दूल्हा-दुल्हन ने सात के बजाए लिए नौ फेरे-जानिए क्यों?

By बलवंत तक्षक | Published: December 16, 2018 12:50 AM2018-12-16T00:50:46+5:302018-12-16T00:50:46+5:30

दूल्हा-दुल्हन ने जब पंडित जी से सात के बजाए नौ फेरों के लिए कहा तो लगन मंडप में बैठे लोगों का चौंकना स्वाभाविक था.

Unique wedding: bride and groom run nine instead of seven | अनोखी शादी : दूल्हा-दुल्हन ने सात के बजाए लिए नौ फेरे-जानिए क्यों?

अनोखी शादी : दूल्हा-दुल्हन ने सात के बजाए लिए नौ फेरे-जानिए क्यों?

दूल्हा-दुल्हन ने जब पंडित जी से सात के बजाए नौ फेरों के लिए कहा तो लगन मंडप में बैठे लोगों का चौंकना स्वाभाविक था. वहां मौजूद सभी लोगों के लिए यह अनोखी शादी थी.

लोग जानना चाहते थे कि दो अतिरिक्त फेरे लेने के क्या मायने हैं? पंडित जी ने अग्नि को साक्षी मानते हुए नव दंपति को नौ फेरे लगवाए.शादी के बाद अपने गांव वापस लौटते ही दूल्हे ने पत्नी के साथ पौधरोपण किया. उन्होंने आठवां फेरा जीवनभर पौधरोपण करते रहने के नाम पर लिया था. इसके बाद उन्होंने कामना की कि पहली संतान के रूप में बेटी मिले.

दूल्हे ने कहा कि नौवें फेरे के तहत वे गांवों के लोगों को  बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक करने के लिए जागरूक करेंगे.  दूल्हे का नाम संदीप चौहान है, जो हरियाणा के सिवानी मंडी के गढवा गांव का सामाजिक कार्यकर्ता है. संदीप ने भिवानी जिले में बजीणा गांव की बेटी दीपिका के साथ नौ फेरे लिए हैं.  दूल्हा-दुल्हन ने तय कर लिया था कि मंडप में वे सात की जगह नौ फेरे लेंगे. दोनों तरफ से सहमति बनने के बाद ही पंडित जी से सात की जगह नौ फेरे कराने का आग्रह किया गया.

शादी की रस्में पूरी करने के बाद उन्होंने कहा कि अब उन दोनों की इच्छा है कि पहली संतान के रूप में उनके घर में बेटी जन्म ले. संदीप और दीपिका ने संकल्प लिया कि वे दोनों अपने गांव में सौ पौधे लगाएंगे और उनकी देखरेख भी करेंगे. उन्होंने कहा कि बेटियों के प्रति उनकी सोच सकारात्मक रहेगी.

Web Title: Unique wedding: bride and groom run nine instead of seven

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