केंद्रीय मंत्रियों ने किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता शुरू की

By भाषा | Published: January 22, 2021 02:34 PM2021-01-22T14:34:39+5:302021-01-22T14:34:39+5:30

Union ministers begin 11th round of talks with farmers' organizations | केंद्रीय मंत्रियों ने किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता शुरू की

केंद्रीय मंत्रियों ने किसान संगठनों के साथ 11वें दौर की वार्ता शुरू की

नयी दिल्ली, 22 जनवरी केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर करीब दो महीने से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए शुक्रवार को तीन केन्द्रीय मंत्रियों ने किसान समूहों के प्रतिनिधियों के साथ 11वें दौर की वार्ता शुरू की।

पिछले चरण की वार्ता बुधवार को हुई थी, जिसमें केंद्र ने तीनों कानूनों के क्रियान्वयन को 12 से 18 महीने तक निलंबित करने तथा मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त समिति बनाने का प्रस्ताव दिया था।

हालांकि बृहस्पतिवार को किसान संघों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपनी दो मांगों पर अड़े रहे। इनमें तीनों कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग शामिल है।

किसान समूहों ने कहा कि वे प्रदर्शन जारी रखेंगे और गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली भी निकालेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश यहां विज्ञान भवन में करीब 41 किसान संघों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा, जिसके तत्वावधान में अन्य किसान संघ प्रदर्शन कर रहे हैं उसकी ओर से बृहस्पतिवार को जारी वक्तव्य में कहा गया, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार द्वारा रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।’’

इसमें कहा गया, ‘‘आम सभा में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगों के रूप में दोहराई गयी।’’

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों समेत हजारों किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की ‘कृपा’ पर रहना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है।

उच्चतम अदालत ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। फिलहाल, इस समिति में तीन ही सदस्य हैं क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था।

समिति के अन्य सदस्यों में महाराष्ट्र स्थित शेतकरी संगठन के अनिल घनवट, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी शामिल हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को पक्षकारों के साथ बातचीत शुरू की।

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Web Title: Union ministers begin 11th round of talks with farmers' organizations

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