रेप मामले पर संसद में जमकर हंगामा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा- हैदराबाद और उन्नाव पर बोलने वाले माल्दा पर चुप क्यों
By भाषा | Published: December 6, 2019 02:23 PM2019-12-06T14:23:24+5:302019-12-06T14:23:24+5:30
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस सदस्यों टी एन प्रतापन एवं डीन कुरियाकोस के बीच नोकझोंक पर सरकार ने कहा कि कांग्रेस के इन दोनों सांसदों को सदन में माफी मांगनी चाहिए। सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उन्नाव और हैदराबाह को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बलात्कार जैसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस मुद्दे पर स्मृति ईरानी और कांग्रेस के कुछ सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हो गयी।
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस सदस्यों टी एन प्रतापन एवं डीन कुरियाकोस के बीच नोकझोंक पर सरकार ने कहा कि कांग्रेस के इन दोनों सांसदों को सदन में माफी मांगनी चाहिए। सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
Union Minister Smriti Irani in Lok Sabha: The fact that you(Opposition MPs) shout here today, means you do not want a woman to stand up and talk about issues. You were quiet when in West Bengal panchayat polls, rape was used as a political weapon,you were quiet then. pic.twitter.com/XZxJc5pJad
— ANI (@ANI) December 6, 2019
स्मृति ईरानी के बयान के दौरान ही कांग्रेस के टी एन प्रतापन एवं कुछ सदस्य विरोध करते हुए अपनी सीट से उठकर आसन की ओर बढ़ने लगे। प्रतापन को केंद्रीय मंत्री ईरानी की ओर संकेत करके कुछ कहते देखा गया। इस पर ईरानी ने कहा कि उन्हें इस सदन का सदस्य होने के नाते अपनी बात रखने का अधिकार है। वह कांग्रेस सदस्यों से यह भी कहते सुनी गयीं कि वे उन पर चिल्ला नहीं सकते।
इस बीच स्मृति ईरानी भी अपनी सीट से बाहर निकलकर आई। राकांपा की सुप्रिया सुले एवं कुछ अन्य सदस्यों को उत्तेजित कांग्रेस के सदस्यों को बैठाने का प्रयास किया, वहीं केंद्रीय मंत्रियों प्रहलाद जोशी एवं प्रहलाद पटेल ने स्मृति ईरानी को बैठने का आग्रह किया।
इससे पहले, शून्यकाल में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बयानों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक सदस्य कह रहे थे कि राजनीतिक मुद्दा नहीं है लेकिन उन्होंने महिला सुरक्षा और सम्मान के विषय को भी सांप्रदायिकता से जोड़ दिया जो इससे पहले कभी नहीं हुआ।
ईरानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के एक सदस्य ने हैदराबाद और उन्नाव की बात की लेकिन माल्दा की बात नहीं की। उनके राज्य में पंचायत चुनाव में बलात्कार की घटनाओं को राजनीतिक हथियार बनाया गया और यहां राजनीति की बात हो रही है। हालांकि अमेठी से भाजपा सांसद ईरानी के बयान पर कांग्रेस के सदस्य विरोध जताने लगे।
इससे पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने उन्नाव कांड का जिक्र करते हुए शून्यकाल में कहा था कि उन्नाव में कुछ दिन पहले ही रिहा किये गये आरोपियों ने पीड़िता को जला दिया। चौधरी ने कहा कि आरोपियों को इतनी ताकत मिलती कैसे है। उन्होंने कहा कि आज छह दिसंबर है जब बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था। ‘‘ आज एक तरफ हम राम मंदिर बनाने वाले हैं दूसरे तरफ देश में ‘सीताएं जलाई जा रही हैं।’’
जाहिर है कि स्मृति ईरानी ने चौधरी के इसी बयान की ओर इशारा करते हुए महिला सम्मान के विषय से सांप्रदायिकता को जोड़े जाने की बात कर रही थीं। वहीं पश्चिम बंगाल की बात करते हुए वह तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय की टिप्पणी की ओर संकेत कर रही थीं। स्मृति ईरानी ने कहा कि राजनीति करने से कोई हल नहीं निकलेगा। केंद्र ने इस संबंध में कई प्रयास किये हैं। 1023 फास्ट ट्रैक अदालतों के लिए राज्यों को राशि दी गयी। महिला सहायता डेस्कों के लिए पैसा दिया गया। हालांकि उनके बयानों का कांग्रेस के सदस्य विरोध करने लगे। दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक होने लगी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस सदस्य को एक मंत्री के साथ इस तरह पेश नहीं आना चाहिए था। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन की एक आचार संहिता होती है। राजनीतिक टिप्पणियां दोनों पक्षों से होती हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सदस्य आसन की ओर बढ़ने लगें।