भारतीय रेलवे का जलवा, पीयूष गोयल और जयशंकर ने बांग्लादेश को सौंपे बड़ी लाइन के 10 रेलवे इंजन, 51 टाटा एस मिनी-ट्रक भी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 27, 2020 09:18 PM2020-07-27T21:18:13+5:302020-07-27T21:18:13+5:30
दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 10 डीजल इंजनों को हरी झंडी दिखाई, जिन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारतीय रेलवे द्वारा बांग्लादेश रेलवे को सौंपा जा रहा है।
नई दिल्ली/ढाकाः कोरोना वायरस महामारी के बावजूद पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को विस्तार देने के उद्देश्य से भारत ने सोमवार को बांग्लादेश को दस रेलवे इंजन सौंपे। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) वाले इंजन को डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
बांग्लादेश की ओर से रेलमंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजान और विदेश मंत्री अबुल कलाम अब्दुल मोमेन ने डिजिटल माध्यम से समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर जयशंकर ने भारत और बांग्लादेश के बीच “समय की कसौटी पर परखे गये” तथा भरोसे और सम्मान पर आधारित संबंध की गहराई को रेखांकित किया।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की, कि कोविड-19 के कारण दोनों देशों के बीच सहयोग में कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के अवसर पर उन्हें ऐसे और “मील के पत्थर” स्थापित करने की आशा है।
व्यापार और संपर्क बढ़ाने की दिशा में रेलवे के क्षेत्र में सहयोग के महत्व को रेखांकित किया
गोयल ने अपने बयान में द्विपक्षीय व्यापार और संपर्क बढ़ाने की दिशा में रेलवे के क्षेत्र में सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया, “भारत सरकार द्वारा दिए गए अनुदान के तहत इन इंजन को सौंपने से अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे के समय किए गए वादों को पूरा किया जा रहा है।”
वक्तव्य में कहा गया, “बांग्लादेश रेलवे की जरूरतों को देखते हुए इंजनों में भारत की ओर से तब्दीली की गई है। यह इंजन बांग्लादेश में यात्रियों की संख्या और माल में हो रही वृद्धि को मद्देनजर रखते हुए बनाए गए हैं।” अधिकारियों ने कहा कि सभी इंजन 28 साल या अधिक समय तक चल सकते हैं और इन्हें 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने लायक बनाया गया है।
बांग्लादेश ने बड़ी लाइन के दस डीजल इंजन देने के लिए सोमवार को भारत को धन्यवाद दिया। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच दूरी और कम होगी तथा “चट्टान की तरह मजबूत” द्विपक्षीय सबंधों को नई ऊंचाई मिलेगी।
कोरोना वायरस महामारी के कारण डिजिटल माध्यम से आयोजित इंजन सौंपने के समारोह में विदेश मंत्री ने कहा, “इससे हमारे लोगों के बीच दूरी और कम होगी।” ढाका ट्रिब्यून अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार मोमेन ने डीजल इंजन सौंपने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। खबर के अनुसार मोमेन ने कहा, “पिछले कुछ सालों में भारत और बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साझेदारी का स्वर्णिम अध्याय लिखा है।”
#WATCH Union Minister of Railways Piyush Goyal and External Affairs Minister S Jaishankar flag off 10 diesel locomotives, that are being handed over by Indian Railways to Bangladesh Railways, through video conferencing earlier today. pic.twitter.com/E93R8vOVYC
— ANI (@ANI) July 27, 2020
भारत ने बांग्लादेश को सौंपे 10 डीजल रेल इंजन
भारत ने बांग्लादेश के रेलवे ढांचे को मजबूत करने के उदेश्य से उसे 10 रेल इंजन सौंपे हैं। ये इंजन बड़ी लाइन वाले हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रेल मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में इन रेल इंजनों को डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाई। इस दौरान बांग्लादेश से भी कई पदाधिकारी मौजूद थे। इन इंजनों को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के पूर्वी रेलवे के गेदे स्टेशन से रवाना किया गया और बांग्लादेश ने इसे दरशाना में हासिल किया।
Union Minister of Railways Piyush Goyal and
— ANI (@ANI) July 27, 2020
External Affairs Minister S Jaishankar flag off 10 diesel locomotives, that are being handed over by Indian Railways to Bangladesh Railways, through video conference. pic.twitter.com/sWxkES2qDU
पूर्वोत्तर रेलवे ने रेल परिवहन से 51 मिनी ट्रक बांग्लादेश भेजे
पूर्वोतर रेलवे के इज्जतनगर मंडल ने 51 टाटा एस मिनी-ट्रक रेल परिवहन के माध्यम से बांग्लादेश भेजकर एक नया आयाम स्थापित किया है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा हासिल की गई यह महत्वपूर्ण उपलब्धि नवगठित ‘बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट’ (बीडीयू) टीम के द्वारा किये गये प्रयासों का परिणाम है।
उन्होंने बताया कि अभी तक बांग्लादेश में टाटा एस मिनी ट्रक कार्गो भेजने का कार्य टाटा मोटर्स द्वारा सड़क मार्ग से किया जाता था। रेलवे जहां एक ओर संरक्षित एवं तीव्र परिवहन सुविधा उपलब्ध करा रही है तो वहीं दूसरी ओर निर्यात को भी बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने बताया कि इस व्यापार से न केवल बांग्लादेश के साथ भारत के आर्थिक संबंध मजबूत होंगे बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। सिंह ने कहा कि भारतीय रेल न केवल टाटा मोटर्स को सुरक्षित तथा तीव्र गति की परिवहन प्रणाली उपलब्ध करा रही है बल्कि इसके साथ वह भारत सरकार के हरित अर्थव्यवस्था (ग्रीन इकोनामी) अभियान में भी सहयोग कर रही है, क्योंकि सड़़क परिवहन की तुलना में रेल परिवहन में बहुत कम कार्बन उत्सर्जन होता है।