केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खुलासे ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा की खोली पोल, चिदंबरम ने पूछा ये सवाल
By शीलेष शर्मा | Published: May 15, 2020 05:34 PM2020-05-15T17:34:07+5:302020-05-15T17:37:55+5:30
दरअसल, नितिन गडकरी जो एमएसएमई के मंत्री ने खुलासा किया कि एमएसएमई को सरकार द्वारा 5 लाख करोड़ वकाये का भुगतान किया जाना बाकी है।
नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के इस खुलासे ने कि सरकार पर एमएसएमई क्षेत्र की 5 लाख करोड़ की देनदारी है राजनैतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। इस भूचाल के कारण सरकार की ईमानदारी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की एमएसएमई क्षेत्र के लिये की गयी घोषणा पर सवाल उठने शुरू हो गये है। पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने पूछा कि गडकरी के बयान के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि सच कौन बोल रहा है, गड़करी या सीतारमण।
दरअसल, नितिन गडकरी जो एमएसएमई के मंत्री ने खुलासा किया कि एमएसएमई को सरकार द्वारा 5 लाख करोड़ वकाये का भुगतान किया जाना बाकी है। चिदंबरम ने इसे पकड़ने में कोई देर नहीं की और ट्वीट किया"। मंत्री गड़करी कहते हैं कि सरकार और पीएसयू पर एमएसएमई की 5 लाख करोड़ की देनदारी है, वित्तमंत्री सीतारमण कहती हैं कि वह एमएसएमई के लिये 3 लाख करोड़ की कोलेटरल मुक्त ऋण की घोषणा कर रही हैं। यह सवाल खड़ा हो गया है कि ऋण देने वाला कौन है और ऋण लेने वाला कौन, क्या दोनों मंत्री पहले आपस में तैय करलें और एमएसएमई को स्वतः अपनी रक्षा करने दें, बिना सरकार की मदद लिये "चिदंबरम ही नहीं गड़करी के खुलासे के बाद वित्तमंत्री सीतारमण और सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया है।
आरजेडी सांसद मनोज झा ने सरकार के पैकेज पर चुटकी ली और पूछा कि 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में बोली लगा लगा कर पैकेज की घोषणा की थी, जैसे बिहार की घोषणा थी यह भी ऐसी ही घोषणा है। झूठ बोलना ,लोगों को धोका देना और जुमलेबाज़ी तो इनकी आदत का हिस्सा है। माकपा नेता सीताराम येचुरी तो इसे पैकेज मानने को ही तैयार नहीं उनका सीधा तर्क था कि हरेक के खाते में 7500 रुपये नकद डालो, भूखे, प्यासे नंगे पैर जिनमें छाले पड़ चुके हैं इस सरकार को नहीं दिख रहे और केवल सब्ज़ बाग़ दिखा रही है।