50-100 ग्राम पी लेता है या पत्नी के लिए शराब लेकर जाने वाले को पकड़ना सरासर गलत?, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा-धंधेबाज पर कार्रवाई करो, मजदूर को मत सताओ

By एस पी सिन्हा | Updated: December 9, 2025 16:48 IST2025-12-09T16:47:31+5:302025-12-09T16:48:38+5:30

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति नीतिगत रूप से बेहतरीन और इंसानी भलाई के लिए मुफीद है-घरों में झगड़े कम हुए, घरेलू हिंसा पर लगाम लगी और शराबखोरी से होने वाली मानसिक बर्बादी में गिरावट आई है।

Union Minister Jitan Ram Manjhi said totally wrong arrest someone drinks 50-100 grams carrying liquor his wife take action against dealer not harass labourer | 50-100 ग्राम पी लेता है या पत्नी के लिए शराब लेकर जाने वाले को पकड़ना सरासर गलत?, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा-धंधेबाज पर कार्रवाई करो, मजदूर को मत सताओ

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Highlightsशराबबंदी लागू होने के बाद तीसरी समीक्षा भी उन्हीं के दबाव पर हुई थी।कार्रवाई करो, मजदूर को मत सताओ। मगर आज हालात उलट हैं।5 से 10 करोड़ रुपये फूंककर चुनाव लड़ रहे हैं… और जीत भी रहे हैं।

पटनाः एनडीए की सहयोगी पार्टी हम के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि माफिया अवैध तरीके से शराब की बड़ी बड़ी खेप बिहार भेज रहे हैं। लेकिन इन्हें नहीं पकड़ा जा रहा है और जो 50-100 ग्राम पी लेता है या पत्नी के लिए थोड़ी सी शराब लेकर जा रहा होता है उसे पकड़ा जा रहा है, जो सरासर गलत है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति नीतिगत रूप से बेहतरीन और इंसानी भलाई के लिए मुफीद है-घरों में झगड़े कम हुए, घरेलू हिंसा पर लगाम लगी और शराबखोरी से होने वाली मानसिक बर्बादी में गिरावट आई है। मांझी ने तंज भरे लहजे में कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद तीसरी समीक्षा भी उन्हीं के दबाव पर हुई थी।

जिसमें साफ हिदायत दी गई थी कि धंधेबाज पर कार्रवाई करो, मजदूर को मत सताओ। मगर आज हालात उलट हैं। गरीब मजदूर, रिक्शावाला, दिहाड़ी कमाने वाला, अगर दवा के नाम पर भी थोड़ी-बहुत शराब ले जाए, तो उसे पकड़कर जेल में ठूंस दिया जाता है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 6 लाख केसों में से 4 लाख लोग पहली बार पकड़े गए और ज्यादातर रोज़ी-रोटी की जद्दोजहद में लगे लोग हैं, जिन्हें अपराधी बना दिया गया। मांझी ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि राज्य में शराब तस्कर अब खुलकर 5 से 10 करोड़ रुपये फूंककर चुनाव लड़ रहे हैं… और जीत भी रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह खुद ऐसे लोगों को जानते हैं। सवाल उठना लाजमी है अगर शराबबंदी है, तो फिर ये अकूत पैसा कहां से आ रहा है? इसके साथ ही उन्होंने सिस्टम पर संगीन इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि पहाड़ों, नदी किनारों, जंगलों और खेतों में रोजाना हजारों लीटर शराब तैयार होती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सन्नाटा है।

असली तस्कर नहीं पकड़े जाते, क्योंकि अफसरों और विभागीय कर्मियों की मिलीभगत से पूरा खेल चलता है। उन्होंने चेतावनी के अंदाज में कहा जब तक सिस्टम सुधरेगा नहीं, तब तक शराबबंदी का मकसद अधूरा ही रहेगा। मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून बहुत ही अच्छा कानून है। शराबबंदी तो होनी ही चाहिए इसमें कोई शक नहीं है।

नीतीश कुमार धन्यवाद के पात्र हैं जो उन्होंने शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कभी कभी कुछ ऐसी बाते आती हैं जिसके बारे में कहने के लिए हम बाध्य हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जो शराब पीकर जा रहा हो उसके पकड़ने की जरूरत नहीं है। या कोई अपनी पत्नी के लिए दवा के रूप में ले जा रहा हो तो उसको नहीं पकड़ना है।

वर्तमान प्रशासन को पता नहीं सरकार से चिढ़ है या कोई बात है कि वह ऐसे ही लोगों को पकड़ता है। गरीबों और मजदूर वर्ग को लोगों के पकड़े जाने का ही कारण है कि आज 6 लाख मुकदमा पेंडिंग पड़ा है। उन्होंने बताया कि 6 लाख मुकदमों में से चार लाख मुकदमें ऐसे हैं, जिनमें वे लोग पकड़े गए हैं जो शराब के आदी नहीं हैं।

ये वैसे लोग हैं जो शराब की तस्करी नहीं करते हैं बल्कि थकावट दूर करने के लिए पी लेते हैं। बिहार में नदी और पहाड़ के किनारे हजारों लीटर शराब माफिया बना रहे हैं और बेचे जाते हैं। ये तस्कर इतने शातिर हो गए हैं कि अब चुनाव भी लड़ रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। मांझी ने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में कहीं न कहीं गड़बड़ी हो रही है।

इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि इसके पीछे कौन लोग हैं। उन्होंने कहा कि हमारे माता-पिता शराब बनाते थे और बेचते थे। जब हम पढ़ने लिखने लगे तो उनको मना किया तो मान गए। महुआ शराब बनाने की जो प्रक्रिया है उसमें आठ दिन का समय लगता है। उसमें ऐसे अनेक प्रकार के तत्व मिलाए जाते हैं, जिससे फायदा ही होता है।

लेकिन आज शराबबंदी के कारण जो चोरी छिपे शराब बनाई जा रही है, वह दो घंटे में तैयार हो जाती है, जो शरीर के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि जो बड़े अधिकारी है वह पचास हजार एक लाख रुपए बोतल की शराब ले जाते हैं और रात में 10 बजे के बाद पीते हैं। लेकिन ये लोग नहीं पकड़े जा रहे हैं बल्कि गरीब लोगों को पकड़ा जा रहा है।

Web Title: Union Minister Jitan Ram Manjhi said totally wrong arrest someone drinks 50-100 grams carrying liquor his wife take action against dealer not harass labourer

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