गिरिराज सिंह ने भारत में भी चीन की तरह कड़ा जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग की
By एस पी सिन्हा | Published: May 6, 2022 04:52 PM2022-05-06T16:52:58+5:302022-05-06T16:52:58+5:30
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन अगर 70 के दशक में कड़ा कानून लेकर नहीं आता तो आज चीन विश्व के क्षितिज पर खुद को विकसित नहीं कर पाता।
पटना: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री व भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने देश में चीन की तरह कड़ा जनसंख्या कानून लागू करने की मांग करते हुए कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे देश के चश्मे से देखना चाहिए। ऐसे में चीन की तरह एक यहां भी कड़ा कानून बनना चाहिए। गिरिराज सिंह आदर्श आचार संहिता मामले में पेश होने के लिए आज लखीसराय पहुंचे हुए थे। इस दौरान उन्होंने जिला अतिथि गृह मे पत्रकारों से बातचीत की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन अगर 70 के दशक में कड़ा कानून लेकर नहीं आता तो आज चीन विश्व के क्षितिज पर खुद को विकसित नहीं कर पाता। अगर आबादी नहीं रोकी होती तो चीन में 60 करोड़ लोग और अधिक होते। ऐसे में भारत में भी एक कड़े कानून की जरूरत है। एक ऐसा कानून हो जो सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू हो।
वहीं, लाउडस्पीकर विवाद को लेकर लालू यादव पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू जी अभी आए हैं, तो पहले स्वास्थ्य लाभ लें। हम लोग उनके स्वस्थ होने की कामना करते हैं। देश को तोड़ने का काम लालू जी और उनकी पार्टी का काम है। यदि भारत में सनातन धर्म की चर्चा नहीं होगी, सनातन धर्म के लोग सिर उठाकर नहीं बोलेंगे तो आखिर कहां जिएंगे? भारत की आजादी हुई, लेकिन टुकडे में हुई। देश की आजादी को हमारे पूर्वजों ने धर्म का आधार बनाया। सनातन अपने देश में नही बोलेंगे तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगलादेश मे बोलेंगे?
उन्होंने कहा कि लालू जी जेल से आए हैं, प्रवचन दें। प्रवचन देना उनका धर्म है। गिरिराज सिंह ने धर्मविशेष पर बयान देते हुए कहा कि आज देश के भीतर कई राज्यों में रामनवमी जुलूस या हनुमान जयंती जैसे अवसरों पर हमला करने का काम चल रहा है। ऐसे मामलों पर लालू यादव कुछ नहीं बोलते। न्याय की राजनीति देखनी हो तो उत्तर प्रदेश में योगी जी की सरकार को देखें। उन्होंने यदि लाउडस्पीकर की ध्वनि कम की तो मंदिरों और मस्जिदों की भी कम की है। लालू यादव का यदि शासन होता तो वे ऐसा नहीं कर पाते।