केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "भारतीय न्यायपालिका जल्द ही होगी कागज रहित"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 6, 2022 10:40 PM2022-12-06T22:40:30+5:302022-12-06T22:44:42+5:30
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली हाईकोर्ट के नये भवन के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारतीय न्यायपालिका जल्द ही पेपर रहित हो जाएगी।
दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली हाईकोर्ट के नये भवन के उद्घाटन समारोह में इस बात की घोषणा की कि भारतीय न्यायपालिका जल्द ही पेपर रहित हो जाएगी। कानून मंत्री ने इस संबंध में जानकारी देते हुए मंगलवार को कहा कि इसके लिए सरकार और न्यायालय मिलकर काम कर रहे हैं और निकट भविष्य में पूरी न्यायिक व्यवस्था कागज रहित हो जाएगी।
इस विषय में विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने ई-कोर्ट परियोजनाओं के बारे में एक विस्तृत बैठक की थी। इसके अलावा ई-अदालतों के संबंध में मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश से भी अपील की है कि वो अपने कार्यकाल में इसे पूरा कराएं।" इसके साथ ही उन्होंने देश के वकीलों से कहा कि उन्हें भी कोर्ट में पेपरलेस मोड में काम के लिए तैयार रहना चाहिए। कानून मंत्रालय द्वारा इस संबंध में विधि अधिकारियों को पहले से ही बता दिया है कि जल्द ही सिस्टम को पेपरलेस करना है।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा, "जब हम डिजिटल न्यायपालिका की बात करते हैं तो हमें इस बात को अच्छे से समझना चाहिए कि इसका पूरे न्यायिक सिस्टम पर व्यापक असर पड़ने वाली है और इसकी सहायता से फैसलों में भी तेजी आएगी।" हाईकोर्ट के विकास और संसाधन के विषय में केंद्र सरकार की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कानून मंत्री रिजिजू ने कहा, "केंद्र उच्च न्यायालय के बुनियादी ढांचे के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकता है क्योंकि इसके देखभाल और विकास का जिम्मा राज्य सरकार के दायरे में आता है और उसके बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च की जिम्मेदारी उन्हीं की बनती है। उन्होंने कहा, "हमें न्यायपालिका को और अधिक आकर्षक और सर्व सुगम बनाना होगा ताकि पीड़ित आसानी से अदालतों में तक पहुंच सकें।"
मालूम हो कि कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के एक नए 'एस ब्लॉक' का उद्घाटन किया। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी, न्यायाधीश संजय किशन कौल, न्यायाधीश हिमा कोहली, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजीव खन्ना, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उपस्थित थे।