मजदूरों की हालत पर केंद्र सरकार सख्त, राज्यों से कहा- पैदल चलते दिखें तो शेल्टर में ले जाएं, स्पेशल ट्रेन या बस से उन्हें घर पहुंचाएंगे

By पल्लवी कुमारी | Published: May 11, 2020 11:46 AM2020-05-11T11:46:00+5:302020-05-11T11:46:00+5:30

8 मई को पैदल चलते 20 प्रवासी मजदूरों में से 16 की मौत औरंगाबाद ट्रेन हादसा में हो गई थी। मध्य प्रदेश जाने वाले पैदल चलते ये मजदूर रेलवे ट्रैक पर थक कर सो गए थे।

Union Home Secretary writes states make sure no migrant workers walk cooperate in Shramik special trains | मजदूरों की हालत पर केंद्र सरकार सख्त, राज्यों से कहा- पैदल चलते दिखें तो शेल्टर में ले जाएं, स्पेशल ट्रेन या बस से उन्हें घर पहुंचाएंगे

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsरेलवे ने लॉकडाउन के के तीसरे चरण में प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। भारतीय रेल ने कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिये लागू लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे करीब चार लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया है।

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों के पैदल चलने को लेकर पत्र लिखा गया है। पत्र में गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि प्रवासी कामगार सड़कों और रेल पटरियों पर पैदल यात्रा नहीं करें और विशेष रेलगाड़ियों का इस्तेमाल करें। होम सेक्रटरी ने पत्र लिखकर राज्य के सचिवों को निर्देश दिए हैं कि अगर प्रवासी मजदूर पैदल जाते दिखें तो उन्हें समझाकर पास के शेल्टर में ले जाएं और वहां खाने-पीने का प्रबंध करें। इसके बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन या बस से उन्हें घर पहुंचाया जाएगा।

पत्र में यह भी लिखा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों के लिए अधिक ''श्रमिक'' विशेष ट्रेनें चलाने में रेलवे के साथ सहयोग करना चाहिए। होम सेक्रटरी अजय भल्ला की ओर से लिखे गय पत्र में बताया गया है कि ये बातें 10 मई को गृह मंत्रालय की बैठक में तय की गई है। 

प्रवासी मजदूर केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकताओं में से एक हैं- गृह सचिव

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से लिखे गय पत्र में कहा गया है कि सड़कों और रेलवे ट्रैक पर पैदल चलते प्रवासी मजदूर सरकार की पहली प्राथमिकताओं में से एक है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ रविवार को हुई बैठक का जिक्र करते हुए अजय भल्ला ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के सड़कों और रेलवे की पटरियों पर चलने की घटनों पर गंभीरता से संज्ञान लिया गया।

उन्होंने कहा, ''उनकों घरों तक ले जाने के लिए बसें और श्रमिक विशेष ट्रेनें शुरू हो गई हैं, इसलिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रवासी मजदूर सड़कों और रेलवे की पटरियों पर पैदल चल वापस लौटने की कोशिश ना करें।''

अजय भल्ला ने कहा कि कैबिनट सचिव के अनुरोध पर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने के लिए रेलवे का सहयोग करना चाहिए ताकि अधिक प्रवासी मजदूर जल्द से जल्द अपने घर लौट पाएं। उन्होंने कहा, ''मैं आप सभी से अपील करता हूं कि बिना किसी अवरोध के इन श्रमिक विशेष ट्रेनों को अपने राज्य में आने दें और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द उनके घर पहुंचाने में मदद करें।'' 

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के पहले चरण से ही देशभर में प्रवासी मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया था। जिसके बाद रेलवे ने लॉकडाउन के के तीसरे चरण में प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। 

अब तक 366 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन, करीब 4 लाख प्रवासी मंजिल तक पहुंचाए गए : रेलवे

भारतीय रेल ने कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिये लागू लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे करीब चार लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया और इसके लिये एक मई से 366 “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनों का संचालन किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी 10 मई को दी। उन्होंने कहा कि 287 ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं जबकि 79 ट्रेन अभी रास्ते में हैं। अधिकारियों ने कहा कि इन 287 ट्रेनों में से 127 ट्रेन उत्तर प्रदेश के लिये थीं, 87 बिहार, 24 मध्य प्रदेश, 20 ओडिशा, 16 झारखंड, चार राजस्थान, तीन महाराष्ट्र, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के लिये दो-दो और आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के लिये एक-एक ट्रेन थीं।

लॉकडाउन के दौरान डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को आवाजाही में कोई दिक्कत ना हो- केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि लॉकडाउन के दौरान डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को आवाजाही में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। सरकार ने कहा है कि इन लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से कोविड और गैर-कोविड चिकित्सा सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं ।

पड़ोसी राज्यों द्वारा अंतर-राज्यीय सीमाएं बंद करने और चिकित्सा कर्मियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी समेत कुछ अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने की खबरें आई हैं। सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि चिकित्सकों एवं पराचिकित्सकों पैरा मेडिकल की अंतर-राज्यीय आवाजाही को जहां जरूरत हो वहां सुगम बनाया जाना चाहिए।

देश में कोरोना मरीजों की संख्या 67 हजार के पार, 2206 लोगों की मौत

भारत में कोरोना वायरस से 2206 लोगों की मौत हो गई है। देश में कोविड-19 की संख्या 67,152 हो गई है। जिसमें से 20917 लोग ठीक हो चुके हैं। 67,152 में से 44029 एक्टिव केस हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

पिछले 24 घंटे में देश में 4,213 नए कोरोना के मामले हैं, जो एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इसके अलावा 103 लोगों की जान जा चुकी है। भारत में कोरोना वायरस के मद्देनजर लगे तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई तक है। 

Web Title: Union Home Secretary writes states make sure no migrant workers walk cooperate in Shramik special trains

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे