देश की ‘इंच इंच जमीन से’ घुसपैठियों को करेंगे बाहरः अमित शाह
By भाषा | Published: July 17, 2019 02:01 PM2019-07-17T14:01:43+5:302019-07-17T14:01:43+5:30
शाह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह बात कही। उन्होंने राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की चर्चा करते हुए कहा कि यह असम समझौते का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका (एनआरसी का) उल्लेख किया गया है।
असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों से घुसपैठियों को बाहर निकालने की केन्द्र की प्रतिबद्धता जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि देश की ‘‘इंच इंच जमीन से अवैध प्रवासियों की पहचान’’ कर उन्हें निर्वासित किया जाएगा।
शाह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह बात कही। उन्होंने राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की चर्चा करते हुए कहा कि यह असम समझौते का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका (एनआरसी का) उल्लेख किया गया है।
साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी जिस घोषणापत्र के आधार पर चुनकर आयी है, उसमें भी यह बात कही गयी है। शाह ने कहा, ‘‘देश की इंच-इंच जमीन पर जो अवैध प्रवासी रहते हैं, हम उनकी पहचान करेंगे व अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उन्हें निर्वासित करेंगे।’’
शाह ने यह बात समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान के इस पूरक प्रश्न के जवाब में कही कि क्या जिस तरह से असम में एनआरसी को लागू किया जा रहा है, सरकार की योजना उसे देश के अन्य राज्यों में भी उसी तरह से लागू करने की है। इससे पहले असम गण परिषद के वीरेन्द्र प्रसाद वैश्य के पूरक प्रश्न के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने कहा कि सरकार असम में एनआरसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Union Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha: We will identify all the illegal immigrants and infiltrators living on every inch of this country and deport them as per the international law. pic.twitter.com/IqSYQMcqK1
— ANI (@ANI) July 17, 2019
साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करेगी कि एनआरसी की प्रक्रिया में भारत का कोई भी नागरिक नहीं छूटे तथा किसी अवैध प्रवासी को इसमें स्थान न मिल सके। राय ने कहा कि एनआरसी को लागू करने में सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और सरकार के पास 25 लाख से अधिक ऐसे आवेदन मिले हैं जिनमें यह कहा गया कि कुछ भारतीयों को भारत का नागरिक नहीं माना गया है जबकि एनआरसी में कुछ ऐसे नागरिकों को भारतीय मान लिया गया है, जो बाहर से आये हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि इन आवेदनों पर विचार करने के लिए सरकार को थोड़ा समय दिया जाए। राय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार, असम में एनआरसी को 31 जुलाई 2019 तक प्रकाशित किया जाना है।