कोरोना संकट के बीच WHO में भारत को बड़ी जिम्मेदारी, डॉक्टर हर्षवर्धन बनेंगे कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष
By प्रिया कुमारी | Updated: May 20, 2020 10:46 IST2020-05-20T10:43:34+5:302020-05-20T10:46:20+5:30
केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को WHO ने एग्जीक्यूटिव बोर्ड के तौर पर चुन लिया गया है। जल्द ही डॉक्टर हर्षवर्धन कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

डॉक्टर हर्षवर्धन बनेंगे WHO कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष (file-photo)
कोरोना वायरस से जारी जंग के बीच दुनिया ने भारत को एक अहम जिम्मेदारी दी है। केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को WHO ने एग्जीक्यूटिव बोर्ड के तौर पर चुन लिया गया है। जल्द ही डॉक्टर हर्षवर्धन एग्जीक्यूटिव (कार्यकारी) बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे। WHO के मुताबिक वह जापान के डॉक्टर हिरोकी नकाटकी की जगह लेंगे।
194 देशों की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में डॉक्टर हर्षवर्धन को निर्विरोध चुना गया। हर्षवर्धन 22 मई को एग्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन का पद संभालेंगे। अध्यक्ष का पद एक साल के लिए रोटेशन के आधार पर बदलता है। वहीं, भारत को तीन साल के कार्यकाल के लिए कार्यकारी बोर्ड के लिए चुना गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में 34 मेंबर होते हैं। कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का मुख्य कार्य स्वास्थ्य सभा के निर्णयों और नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए सलाह देना है। हर्षवर्धन अगले एक साल तक चेयरमैन बने रहेंगे।
WHO बोर्ड अध्यक्ष का काम
WHO एग्जीक्यूटिव बोर्ड में टोटल 34 सदस्य होते हैं सारे मेंबर स्वास्थ्य के क्षेत्र के एक्सपर्ट होते हैं। हर साल 194 देशों की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली से 3 साल के लिए बोर्ड में चुना जाता है। फिर इन्हीं सदस्यों में से एक-एक साल के लिए चेयरमैन बनता है। WHO बोर्ड का काम हेल्थ असेंबली में तय होने वाले फैसले और नीतियों को सभी देशों में ठीक तरह से लागू करना होता है।
इससे पहले सोमवार को हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से WHO की 73वीं सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रखी तथा समय से पहले सक्रिय एवं चरणबद्ध कदम उठाए, उन्होंने इस घातक वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।